खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु के नागापट्टीनम में 29 दिसंबर को हुए भारतीय स्कूल गेम्स संघ (एसजीएफआई) चुनावों को अमान्य करार दिया है। यह चुनाव एसजीएफआई के अध्यक्ष और दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार की मंजूरी के बिना आयोजित कराए गए थे। मंत्रालय ने संघ को भारत की राष्ट्रीय खेल विकास संहिता (एनएसडीसीआई) 2011 के प्रावधानों के मुताबिक दोबारा चुनाव करने के निर्देश दिए हैं।
एसजीएफआई के महासचिव राजेश मिश्रा ने सुशील कुमार की इजाजत के बिना अपनी पसंद के रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) को नियुक्त करके मनमाने ढंग से चुनाव आयोजित कराए। एनएसडीसीआई में चुनाव मॉडल दिशा-निर्देश के अनुसार आरओ को नियुक्त करने का अधिकार संबंधित संघ के अध्यक्ष के पास है, जो इस मामले में सुशील कुमार हैं।
ये वो ही मिश्रा हैं, जिन पर सुशील कुमार ने उनके बिना संज्ञान में संघ के कानून बदलने के लिए हस्ताक्षर चोरी का आरोप लगाया था। मंत्रालय में डेप्यूटी सचिव एसपीएस तोमर ने शुक्रवार को पत्र जारी करते हुए एसजीएफआई को सूचना दी, 'मुझे स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के 31.12.2020 को दिए गए पत्र का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। मैं बताना चाहता हूं कि 29.12.2020 को तमिलनाडु के नागापट्टीनम में हुए चुनाव एनएसडीसीआई 2011 के चुनाव मॉडल दिशा-निर्देश के प्रावधान का उल्लंघन है, जिसमें संबंधित संघ के अध्यक्ष के पास रिटर्निंग अधिकारी को नियुक्त करने की ताकत होती है। यह कहा जाता है कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया रिटर्निंग ऑफिसर की बिना एसजीएफआई अध्यक्ष की मंजूरी के नियुक्ति एनएसडीसीआई 2011 का उल्लंघन है। इसलिए आपसे गुजारिश है कि एनएसडीसीआई 2011 में दिए गए चुनाव मॉडल दिशा-निर्देश के प्रावधान का ध्यान रखते हुए दोबारा चुनाव आयोजित कराएं।'
चुनाव पर आए मंत्रालय के फैसले से खुश हैं सुशील कुमार
इस पत्र में सुशील कुमार और मिश्रा दोनों को मार्क किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए सुशील कुमार ने मंत्रालय के फैसले पर खुशी जताई और मिश्रा व साथियों को धोखेबाज करार देते हुए कहा कि वह जल्द ही चुनाव नोटिस एसजीएफआई के सदस्यों राज्य/यूटी संघों को भेजेंगे। सुशील कुमार ने कहा, 'यह सकारात्मक विकास है और मैं अपना धन्यवाद मंत्रालय के प्रति जाहिर करता हूं, जिन्होंने दोबारा चुनाव कराने के निर्देश दिए। एनएसडीसीआई 201 में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया स्पष्ट व पारदर्शी अंदाज में होगी।'
सुशील कुमार पहले ही दिल्ली में मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करा चुके हैं। सुशील कुमार ने मिश्रा पर हस्ताक्षर की नकल करने का आरोप लगाया है।