WWE इस समय बहुत संघर्षपूर्ण दौर से गुजर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण AEW (ऑल एलीट रेसलिंग) है और पिछले साल COVID-19 ने भी विंस मैकमैहन के प्रोमोशन को बहुत नुकसान पहुंचाया। इन 2 कारणों की वजह से WWE पिछले डेढ़ साल में काफी अधिक संख्या में रेसलर्स और स्टाफ मेंबर्स को रिलीज़ कर चुकी है।
हाल ही में 18 रेसलर्स को कंपनी से निकाला गया है और अब डेव मैल्टजर ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी 10 अन्य रेसलर्स को भी जल्द रिलीज़ करने का प्लान बना रही है। चीज़ें स्पष्ट नजर आ रही हैं कि WWE के लिए स्थिति अभी बहुत खराब चल रही है।
ऐसे समय में कंपनी को कुछ नया करने की जरूरत है और खासतौर पर जिस तरीके से AEW की रेटिंग्स बढ़ती जा रही हैं, उसे देखते हुए WWE को जल्द से जल्द कुछ नया करने की जरूरत है। इसलिए इस आर्टिकल में आइए जानते हैं उन 4 बड़े बदलावों के बारे में जो WWE को जल्द से जल्द कर लेने चाहिए।
WWE सुपरस्टार्स के पास क्रिएटिव फ़्रीडम हो
WWE छोड़ चुके कई रेसलर्स इस बात के प्रति निरंतर नाराजगी जाहिर करते आए हैं कि विंस मैकमैहन के प्रोमोशन में रेसलर्स को क्रिएटिव फ्रीडम नहीं मिल पाती। मगर अन्य प्रोमोशंस में रेसलर्स अपने मन मुताबिक काम कर पाते हैं। AEW में जा चुके पूर्व WWE सुपरस्टार्स इस संबंध में विंस मैकमैहन पर लगातार तंज कसते रहे हैं।
डीन एंब्रोज/जॉन मोक्सली ने तो यह तक कह दिया था कि वो WWE में वापसी की बजाय मैक्डॉनल्ड्स में काम करना ज्यादा पसंद करेंगे। अगर भविष्य में भी सुपरस्टार्स के मन में ऐसी भावनाएं उत्पन्न होती रहीं तो ये कंपनी के लिए बिल्कुल भी अच्छे संकेत नहीं हैं।
अगर सुपरस्टार्स के पास क्रिएटिव फ्रीडम होगी तो वो खुले मन से काम कर पाएंगे और व्यक्ति जब अपने मन से काम करता है तो उसमें अपनी पूरी ताकत लगा देता है। क्रिएटिव फ्रीडम मिलने से रेसलर्स भी खुद की रिलीज़ की मांग नहीं करेंगे।
हर चीज़ का विंस मैकमैहन से होकर गुजरना सही नहीं
1982 में बहुत छोटी उम्र में विंस मैकमैहन ने अपने पिता से WWE को खरीदा था। युवा उम्र में उन्होंने उस समय से कहीं आगे के बारे में सोचकर प्लान बनाए और आगे चलकर उन्हें सफल भी बनाया। मगर उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए लोग कहने लगे हैं कि विंस अब नए सिरे से सोचने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए उन्हें अपने पद को छोड़ देना चाहिए।
ये भी सत्य है कि WWE में होने वाली हर चीज़ विंस से होकर गुजरती है। मगर ये कहना भी गलत नहीं कि अब कंपनी को उनके पुराने आइडियाज़ की बजाय नए और फ्रेश प्लांस की जरूरत है। उनके इन्हीं आइडियाज़ की वजह से कई नामी सुपरस्टार्स कंपनी छोड़कर भी जा चुके हैं, इसलिए WWE को इस चीज़ में बदलाव की सख्त जरूरत है।
Raw और SmackDown को साथ लाने पर विचार करना चाहिए
Raw की शुरुआत साल 1993 में और SmackDown 1999 में शुरू हुआ था। WWE का पहला ब्रांड स्पिलट 2002 में हुआ, लेकिन करीब एक दशक बाद दोनों ब्रांड्स को एक बना दिया गया। मगर 2016 में WWE ने दोबारा ब्रांड स्पिलट करने का फैसला लिया।
AEW ने सबसे पहले NXT को टारगेट किया, जिसे वो काफी पीछे छोड़ चुकी है। वहीं अब Raw को रेटिंग्स में AEW से कई मौकों पर कड़ी टक्कर झेलनी पड़ी है और चीज़ें इसी प्रकार आगे बढ़ती रहीं तो एक ऐसा भी समय आएगा जब WWE का नंबर-1 शो SmackDown भी AEW से सुरक्षित नहीं रह जाएगा।
SmackDown के मुकाबले Raw बहुत कमजोर पड़ चुका है। AEW अभी तक अपनी रणनीति पर सही तरीके से अमल करती आई है, लेकिन WWE ब्रांड यूनिफिकेशन का फैसला लेकर AEW के अधिकारियों को चौंका सकती है। इससे WWE में कमजोर और ताकतवर ब्रांड की स्थिति नहीं बनेगी और कंपनी केवल एक ही चीज़ पर फोकस कर पाएगी, जिससे WWE के प्रोडक्ट को भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
अच्छी फेस वैल्यू वाले रेसलर्स के बजाय अच्छे रेसलर्स को मौके दिए जाएं
WWE के लिए यह भी एक बड़ी समस्या रही है कि यहां काफी समय से अच्छे रेसलर्स के बजाय उन सुपरस्टार्स को पुश देने की कोशिश की जाती रही है, जिन्हें फैंस से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा हो। ये रणनीति सही भी है, क्योंकि इसी से कंपनी को अधिक फायदा मिल सकता है।
मगर WWE में सिजेरो और चैड गेबल समेत कई बेहतरीन इन रिंग परफॉर्मर्स मौजूद हैं, लेकिन उनके बजाय अच्छी फेस वैल्यू वाले सुपरस्टार्स को अधिक तवज्जो दी जाती है। वहीं AEW ने MJF, डार्बी एलिन और एडी किंग्सटन जैसे रेसलर्स को बड़े सुपरस्टार्स के रूप में तैयार किया, जो अब ना केवल फेमस हैं बल्कि उनकी रेसलिंग स्किल्स भी जबरदस्त हैं। अच्छे रेसलर्स को पुश मिलने की वजह से भी लोग AEW को काफी ज्यादा पसंद करते हैं।