WWE के लिए ये हफ्ता काफी लम्बा रहा। फ़िलाडैल्फ़िया से लगातार चौथी रात WWE का शो आयोजित हुआ। बाकी तीनों शो के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद स्मैकडाउन पर अच्छा काम करने का थोड़ा दबाव था।
शो काफी दिलचस्प रहा और काफी हद तो हम सभी की उम्मीदों पर खरा उतरा। शो में कई अच्छी चीजें देखने मिली तो वहीं कुछ चीजों ने हमे निराश किया। यहां पर हम उन्हीं बातों का जिक्र करेंगे।
ये रही इस हफ्ते के शो की अच्छी और बुरी बातें।
#1 अच्छी बात: रूसेव का पुश
रूसेव के किरदार को दर्शकों ने हमेशा पसंद किया है। इतने समय बाद भी उन्हें जिस तरह की बुकिंग मिलनी चाहिए वैसी नहीं मिल रही है, लेकिन फिर भी दर्शक उन्हें पसंद करते हैं। रुसेव को जिस तरह का पुश मिलना चाहिए था उन्हें वैसा पुश नहीं मिला।
लेकिन इस हफ्ते फैटल फ़ोर वे मैच में ऐसा नहीं हुआ। जिंदर महल, कोफी किंग्स्टन और जैक रायडर के खिलाफ उन्होंने जीत दर्ज करते हुए वह US चैंपियनशिप के नंबर 1 कंटेंडर बने।
अगले हफ्ते स्मैकडाउन पर 'ग्लोरियस' बॉबी रुड और रूसेव के बीच US चैंपियनशिप मैच होगा और ये मैच बेहद खास साबित होगा। दोनों स्टार्स दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। रूसेव को अच्छा मौका मिलते देख हमे खुशी हो रही है।
#1 बुरी बात: माइक पर नाकामुरा का काम
जब पता चला कि नाकामुरा शो की शुरुआत करेंगे तो हमें थोड़ी घबराहट हुई। हमने नाकामुरा को अंग्रेजी भाषा के साथ संघर्ष करते देखा है। उन्हें ज्यादा बोलने के लिए नहीं दिया गया था और उसके साथ उन्होंने अच्छा काम किया लेकिन अगर उनके साथ कोई मैनेजर होता तो अच्छी बात होती।
रैसलिंग में आप अपने रैसलर की खामियों को छुपाकर उसकी खूबियों को दिखाते हैं। लेकिन दुख की बात है कि WWE की क्रिएटिव टीम ने ऐसा कुछ नहीं किया। फिलहाल तो काम चल गया लेकिन ये देखना होगा कि WWE ऐसा कबतक कर सकती है।
#2 अच्छी बात: दोस्ती में दरार
जब रिंग में दो ऐसी टीमें हों जिनका भविष्य में आपस मे भिड़ंत तय है तो उनके बीच टकराव होना स्वाभाविक है। इससे मजेदार स्थिति पैदा होती है। शो के मुख्य इवेंट से ये पता चला कि कौन सी टीम में पहले दरार पड़ेगी।
स्टाइल्स और नाकामुरा के बीच दरार पड़ने के पहले ही ओवंस और जेन के बीच फूट पड़ गयी। दोनों ने रिंग में अच्छा काम किया और अपने दोस्ती की ओर सही इशारा किया। इससे अगले हफ्ते दोनों के बीच होने वाला मैच बेहद रोमांचक बन गया है।
मैच के बाद सैमी जेन का प्रोमो भी काफी अच्छा था, जहां उन्होंने सभी को ये याद दिलाया कि इतने समय तक कंपनी में लगातार अच्छा काम करने के बावजूद भी उन्हें कभी कोई ख़िताब नहीं मिला। अगले हफ्ते सैमी जेन और केविन ओवंस के बीच हमे एक अच्छा मैच मिलना चाहिए।
#2 बुरी बात: फीका मेन इवेंट
यहां पर हम एक बात साफ कर देना चाहते हैं। जिस मैच में ओवंस, जेन, स्टाइल्स और नाकामुरा हों वो मैच कभी फीका नहीं पड़ सकता। लेकिन यहां पर हमारी एक ही समस्या थी, किसी नए चेहरे की अनुपस्थिति।
जहां हमे रॉ पर असुका बनाम साशा बैंक्स और फिर फिन बैलर बनाम जॉन सीना का बेहतरीन मैच देखने मिला। लेकिन वहीं स्मैकडाउन पर हमे उन्हीं टीम्स के बीच टैग टीम मैच देखने मिला। हालांकि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अब हम उनके कई मैचेस देख चुके हैं।
मुख्य इवेंट में रैंडी ऑर्टन को जोड़ दिया जाए तो ये वही स्टार्स बन जाएंगे जो अक्सर मुख्य इवेंट में आते-जाते रहते हैं। इसमें बदलाव की ज़रूरत है।
#3 अच्छी बात: कैश इन करने की कोशिश
WWE की इस चाल में हम लगभग फंस ही गए थे। जब रायट स्क्वाड ने शार्लेट को ढेर करते हुए बाहर निकलने लगी तब कार्मेला रेफरी के साथ वहां दौड़कर आई और अपना ब्रीफ़केस कैश इन करने लगी। लेकिन कार्मेला की ड्रापकिक से रेफरी गिर पड़े जिसके बाद कार्मेला ने ब्रीफ़केस वापस उठा लिया।
ये एक अच्छा टीज़र था। ये देखना दिलचस्प होगा कि कार्मेला अपना ब्रीफ़केस कब कैश इन करती है। ये लम्हा खास होगा।
#3 बुरी बात: द रायट स्क्वाड
रायट स्क्वाड के पास इतना अनुभव है कि वो इस समय जिस स्थिति में हैं उसमें नहीं होना चाहिए। उन्हें महिलाओं के रॉयल रम्बल के लिए शो में लाया गया था और अब जब वो पीपीवी खत्म हो गया तो अब उनका यहां क्या काम।
उनमें कई खामियां हैं और शार्लेट फ्लेयर के खिलाफ लड़ते हुए उनकी खामियां दिखाई दी। रूबी रायट का काम ठीक है लेकिन लिव मॉर्गन और साराह लोगन को अभी भी काफी सुधार करने की ज़रूरत है। NXT में उन्हें थोड़ा और काम करने की ज़रूरत है।
#4 अच्छी/बुरी बात: ब्रीजांगो की स्थिति
टीवी पर ब्रीजांगो को देखकर हमेशा खुशी होती है। लेकिन अपने खुद के काम के दमपर इतना आगे आने वाले टीम को इस स्थिति में देखकर थोड़ा बुरा लगता है। अगर उन्हें सही पुश मिलता तो वो और अच्छा काम कर सकते हैं, लेकिन ऐसा अबतक हुआ नहीं।
इस हफ्ते वो गेबल और बेंजामिन के शिकार हुए। उनकी हार से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन टीवी से उनके सेगमेंट को छोटा कर दिया गया।
लेखक: रिजु डासगुप्ता, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी