WWE यूनिवर्सल चैंपियन ब्रॉक लैसनर के खिताबी दौर की अच्छी और बुरी बातें

रैसलमेनिया 33 में ब्रॉक लैसनर ने गोल्डबर्ग को हरा कर उनसे यूनिवर्सल चैंपियनशिप जीत लिया। सभी दर्शकों को उस समय लैसनर से एक लम्बे खिताबी दौर की उम्मीद थी। उनकी जीत के बाद से सभी को ये लगने लगा कि रोमन रेंस उनसे खिताब जीतकर अगले यूनिवर्सल चैंपियन बन जाएंगे।

लेकिन ऐसा हुआ नहीं। चैंपियन के हाथों द बिग डॉग की साफ हार हुई जिससे सभी हैरान रह गए। रोमन रेंस की हार से कइयों को दुख हुआ क्योंकि ऐसे ढेर सारे फैंस है जो ब्रॉक लैसनर को यूनिवर्सल चैंपियन बने रहता देखना नहीं चाहते।

यहां पर एक बात तो पक्की है कि WWE ने समरस्लैम के लिए ब्रॉक लैसनर को लेकर योजना पक्की कर ली है। 450 दिनों से ज्यादा समय तक खिताब रखने वाले ब्रॉक लैसनर WWE छोड़कर UFC जा सकते हैं और इसलिए संभावना है कि वो समरस्लैम पीपीवी में अपना खिताब हार जाएंगे।

सच कहा जाए तो दर्शक अब ब्रॉक लैसनर के खिताबी दौर से ऊब चुके हैं और जल्द से जल्द उन्हें खिताब हारते देखना चाहते हैं। ब्रॉक लैसनर के खिताबी दौर की जहां अच्छी बात है तो वहीं कुछ बुरी बात भी है जिसका हम यहां जिक्र करेंगे।

#1 अच्छी बात: इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप का महत्त्व बढ़ा

इसके होने की पूरी संभावना थी। जब रॉ से मुख्य चैंपियनशिप नदारद थी तो उसके जगह इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप को अहमियत मिली है। हर हफ्ते के शो में इंटरकॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप डिफेंड की गई। सैथ रॉलिंस ने IC चैंपियन रहते हुए गर्व महसूस करने की बात की और पूरी दुनिया के फैंस के सामने इसे कई मौकों पर डिफेंड किया। उस समय सैथ रॉलिंस के पास ये खिताब था इसलिए उसकी अहमियत बढ़ी तो अब डॉल्फ ज़िगलर नए IC चैंपियन हैं। इसके अलावा इसकी लोकप्रियता बढ़ाने में द मिज़ का भी बड़ा योगदान था।

#2 अच्छी बात : अगला टाइटल चेंज बड़ा होगा

जब भी कोई नापसंद किया जाने वाले दौर का अंत होता है तो वो लम्हा अपने आप मे बेहद खास होता है। उसकी जोरशोर से चर्चा होती है। वहीं ब्रॉक लैसनर एक बीस्ट है और हर बार उनकी बुकिंग ऐसी होती है जहां उन्हें कोई हरा नहीं पाता। इसलिए उनकी खिताबी हार अपने आप मे बहुत बड़ी बात है।

#1 बुरी बात : लम्बे समय तक इसे खींचना

आजकल के दर्शक तीन महीनों के खिताबी दौर से ऊब जाते हैं। वहीं ब्रॉक लैसनर पिछले 15 महीनों से चैंपियन हैं। लम्बी खिताबी दौर सही बुकिंग के साथ कारगर होती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है सीएम पंक का 434 दिनों तक चैंपियन बने रहना। खिताबी दौर के शुरुआती समय मे वो फेस बने रहे जहां उनका सामना क्रिस जैरिको और डेनियल ब्रायन से हुआ। वहीं बाद में वो कंपनी के टॉप हील बने जहां उनका फिउड जॉन सीना और रायबैक से हुआ। द रॉक के खिलाफ उनका काम भी सराहनीय था। उनकी तुलना में ब्रॉक लैसनर का खिताबी दौर बेहद फीका रहा है और लैसनर ने पंक की तुलना में कम मैच लड़े हैं।

#2 बुरी बात : मंडे नाइट रॉ की अहमियत कम हुई

अगर आपका वर्ल्ड चैंपियन शो में दो महीनों तक न दिखें तो उसका बुरा प्रभाव शो पर पड़ता है। आम दर्शक अक्सर वर्ल्ड चैंपियनशिप की जानकारी के लिए शो देखते हैं। अगर आपका चैंपियन ही शो में नहीं है तो वो चैनल बदल देते है।

#3 बुरी बात : यूनिवर्सल चैंपियनशिप हार से वर्ल्ड टाइटल पर बुरा असर पड़ सकता है

क्या यूनिवर्सल चैंपियन पर किसी की बुरी नज़र पड़ी है? इसके पहले चैंपियन को चोटिल होने के कारण एक दिन में चैंपियनशिप वापस करनी पड़ी, दूसरे चैंपियन का खिताबी दौर बेहद फीका रहा और उसका अंत और भी बुरा। तीसरा चैंपियन 50 साल की उम्र में चोट से वापसी कर रहा था तो वहीं मौजूदा चैंपियन की स्थिति आप देख सकते हैं। यूनिवर्सल चैंपियन बनने के पहले ब्रॉक लैसनर सुप्लेक्स सिटी के मेयर के रूप में अच्छा काम कर रहे थे। UFC में लड़ रहे यूनिवर्सल चैंपियन और UFC में लड़ रहे WWE चैंपियन में बड़ा अंतर है। ज़रा सोचिए ब्रॉक लैसनर WWE चैंपियन के रूप में UFC में उतरते तो शो पर कितना बड़ा असर पड़ता। यूनिवर्सल चैंपियनशिप को अभी केवल दो साल हुए हैं इसलिए उसका महत्त्व कम है। लेखक: आदित्य, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी

Edited by Staff Editor
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