सर्वाइवर सीरीज में अमूमन रॉ बनाम स्मैकडाउन वाले मैच होते हैं। इस साल चूँकि कंपनी अपने रोस्टर और प्लान में बदलाव कर रही है तो इस बात की संभावनाएं हैं कि शो में दोनों ब्रांड्स के बीच लड़ाई नहीं होगी। अब चूँकि दोनों शो के रोस्टर और प्रसारण करने वाले चैनल अलग हैं, इसलिए दोनों शोज़ को एक साथ नहीं आना चाहिए। ये जरूरी है कि कंपनी इस तरफ ध्यान दे और इस वजह से ऐसा नहीं होना चाहिए।
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आइए आपको उन 5 कारणों के बारे में बताते हैं जिनके आधार पर ऐसा नहीं होना चाहिए:
#5 कोई लॉजिक नहीं है
सर्वाइवर सीरीज के आते आते हर रेसलर जो आपस में शो के दौरान लड़ रहे होते हैं वो भी साथ आ जाते हैं। इससे चल रही कहानियों को नुकसान होता है और उनसे जुड़ी बातों को भी। आखिरकार एक रेसलर ने एक लंबे समय में अपने किरदार और कहानी को बढ़ाया होता है और वो सिर्फ एक शो के लिए खराब हो जाते हैं।
2016 और 2017 में स्मैकडाउन को अपनी पकड़ साबित करनी थी इसलिए इस शो को लेकर रोमांच था। अब जब उनके पास एक्सक्लूजिव रोस्टर होंगे तो इस लड़ाई का कोई मतलब नहीं रह जाता। इसलिए अब ये जरूरी है कि इस साल से सर्वाइवर सीरीज में ब्रांड बनाम ब्रांड मैच नहीं होने चाहिए। वैसे भी अगले शोज में ज्यादा वक्त नहीं है तो इसलिए कंपनी को लड़ाइयों को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए। अगर WWE ऐसा करने में कामयाब नहीं होती तो इससे उन्हें ही नुकसान होगा जो शायद विंस नहीं होने देंगे।
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#4 फोर्स्ड मैचेज
2016 में शो काफी बुरा था और 2017 में ऐसा लग रहा था जैसे कि पूरा शो ही फैंस पर थोपा गया हो। अगर रोंडा राउजी बनाम शार्लेट फ्लेयर (बैकी लिंच की रिप्लेसमेंट) और ब्रॉक लैसनर बनाम डेनियल ब्रायन पिछले साल शो का हिस्सा नहीं होता तो शो एकदम खराब हो जाता। ये हाल पिछले साल सिंगल रेसलर्स का था, लेकिन इस साल वही हालत टैग टीम डिवीजन की दिख रही है। कहीं ऐसा ना हो कि इस साल फैंस का मनोरंजन से मन ही ऊब जाए।
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#3 चल रही कहानियों से ध्यान भटकता है
पिछले साल सर्वाइवर सीरीज में कर्ट एंगल बनाम बैरन कॉर्बिन वाला मैच नहीं हो सका और ना ही डीन एम्ब्रोज और सैथ रॉलिंस के बीच वाली कहानी को इस शो में कोई जगह मिली। इस तरह के बदलाव से सबको नुकसान होता है और कंपनी को इस बारे में सोचना चाहिए।
#2 कोई कहानी नहीं बनती
2016 में टीम रॉ के हारने पर स्टैफनी मैकमैहन ने शो की टीम को नौकरी से निकालने की बात कही थी। द अंडरटेकर ने यही धमकी स्मैकडाउन के रेसलर्स को दी थी। रॉ मैच हार गया था लेकिन रेसलर्स को कुछ नहीं हुआ और ना ही इससे जुड़ी बात अगले हफ्ते हुई। यही हाल अगले दो साल रहा और अगर ऐसा ही होना है तो फिर ब्रांड से जुड़े मैच का मतलब क्या है?
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#1 वाइल्ड कार्ड रूल
वाइल्ड कार्ड रूल की वजह से ब्रांड से जुड़ा एक्साइटमेंट खत्म हो गया है। ये बात ही निश्चित नहीं हो पाती है कि कौन सा रेसलर किस ब्रांड का हिस्सा है। वैसे तो ये ड्राफ्ट के बाद खत्म हो जाएगा और हर रेसलर को इस ब्रांड बनाम ब्रांड वाले मैच के खत्म होने से फायदा ही होगा।