2- गोल्डबर्ग पहले की तरह रेसलिंग नहीं कर पाते हैं
गोल्डबर्ग के मैच काफी ज्यादा छोटे रहते हैं और वो ज्यादा मूव्स का उपयोग भी नहीं कर पाते हैं। गोल्डबर्ग पहले कई अच्छे मैच देने में सफल होते थे लेकिन अब वो बेहतर तरीके से रेसलिंग स्किल्स का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। कई बार मूव्स लगाने के दौरान उनसे बोच भी हो जाते हैं।
इससे मुकाबलों की क्वालिटी पर असर पड़ता है। गोल्डबर्ग अपने मैचों में सिर्फ मुख्य मूव्स का ही उपयोग करने में सफल होते हैं। कहा जा सकता है कि वो पहले की तरह रेसलिंग करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं और इसी कारण उन्हें अब रिटायर होने का निर्णय लेना चाहिए।
Edited by Ujjaval Palanpure