भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने जिस अंदाज़ में युवा खिलाड़ियों के दम पर ऑस्ट्रेलिया में जाकर टेस्ट सीरीज़ जीती है, उसके बाद से हर तरफ़ उनकी तारीफ़ों के क़सीदे गढ़े जा रहे हैं। विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में टीम इंडिया को पहले टेस्ट में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी जहां पूरी टीम दूसरी पारी में महज़ 36 रन बना सकी थी।
इसके बाद विराट कोहली टीम का हिस्सा नहीं थे और मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) भी चोट की वजह से स्वदेश लौट आए थे। तब कई पूर्व क्रिकेटरों ने यहां तक कह दिया था कि ये टीम 4 मैचों की सीरीज़ में 4-0 से हारेगी। लेकिन कोहली की ग़ैरमौजूदगी में कप्तानी की ज़िम्मेदारी संभाल रहे अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने अगले तीन में से दो टेस्ट में जीत और एक ड्ऱ कराते हुए 2-1 से सीरीज़ अपनी नाम करते हुए इतिहास रच दिया था।
जिसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम को सभी ने सराहा, इस फ़ेहरिस्त में अब नया नाम जुड़ गया है भारतीय जेवलिन थ्रोअर
नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) का। जिन्होंने इस प्रदर्शन से सीख लेने की बात कही है। नीरज की नज़र फ़िलहाल टोक्यो ओलंपिक पर है जहां वह पदक के साथ इतिहास रचना चाहते हैं।
नीरज चोपड़ा ने मीडिया से मुख़ातिब होते हुए कहा, “भारतीय क्रिकेट टीम ने हमें यह सीख दी है कि आप बहुत मुश्किल परिस्थिति में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हो। यह मेरे लिए प्रेरणा है। चीज़ें अगर आपके हिसाब न हों तो आपको चुनौतियों के लिए खुद को तैयार रखना पड़ेगा।”
भारतीय एथलीट को बायो बबल के अंदर काफ़ी लंबे समय तक अभ्यास करना पड़ा था जिसका सामना उन्होंने चुनौती की तरह किया था। नीरज ने इसको लेकर कहा “शुरुआत में हमें कहा गया था कि यह दो महीने तक चलेगा लेकिन यह बढ़ता गया। हम इसे अपने ऑफ़-सीज़न की तरह ले रहे थे। ऐसे में हमने ख़ुद को फ़िट रखने के लिए हलकी ट्रेनिंग शुरू कर दी। यह अपने आप को आकार में रखने के लिए था, ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हम एथलीट नहीं हैं।”
“लेकिन समय के साथ सब बदलने लगा। हॉस्टल के अंदर एक वॉलीबॉल कोर्ट था और वही हमारे मनोरंजन का एकमात्र ज़रिया था। हम फ़िल्में देखकर ख़ुद को तरोताज़ा करने की कोशिश करते थे।“
नीरज चोपड़ा इस समय अपने करियर के अहम मोड़ पर हैं, कुछ महीने पहले ही वह गंभीर कंधे की चोट से उबरे हैं, और अभी वह जमकर टोक्यो 2020 के लिए अभ्यास कर रहे हैं।