जानें कैसे एक Whatsapp ग्रुप की वजह से थॉमस कप जीत पाई भारतीय बैडमिंटन टीम 

एच एस प्रणॉय ने टीम को साथ जोड़ने के लिए खास वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था।
एच एस प्रणॉय ने टीम को साथ जोड़ने के लिए खास वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था।

भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने कुछ ही दिन पहले थॉमस कप जीतकर न सिर्फ पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन की टीम विश्व चैंपियनशिप जीतने का गौरव हासिल किया बल्कि इस खेल में नई जान फूंक दी। किदाम्बी श्रीकांत, एच एस प्रणॉय, लक्ष्य सेन, चिराग शेट्टी, सात्विक साईंराज जैसे खिलाड़ियों की मेहनत की बदौलत पुरुष टीम ने न सिर्फ पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई बल्कि 14 बार की चैंपियन और गत विजेता इंडोनिशिया को हराते हुए ये खिताब जीतकर अपनी बादशाहत साबित की। लेकिन इस जीत के पीछे जितनी मेहनत खिलाड़ियों की है, उतनी ही मैसेजिंग ऐप Whatsapp की भी है।

जी हां। टूर्नामेंट में भारतीय टीम को मोटिवेट करने के लिए बनाए गए विशेष वॉट्सऐप ग्रुप की बदौलत ही टीम ने फाइनल तक का सफर तय करने में कामयाबी पाई, और ऐसा खुद टीम के सदस्य एच एस प्रणॉय और चिराग शेट्टी का मानना है। चिराग शेट्टी ने इस ग्रुप का एक स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर भी किया है।

एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद एच एस प्रणॉय ने इस बात की पुष्टि की। प्रणॉय ने बताया कि टूर्नामेंट से पहले 30 अप्रैल को उन्होंने 'Its Coming Home' नाम से एक ग्रुप बनाया था और टीम के सभी 10 सदस्यों को इसमें शामिल किया था। प्रणॉय के मुताबिक इस ग्रुप में भारतीय दल के सभी सदस्य अपने मन की बातें शेयर करते थे, कई बार एक-दूसरे से स्ट्रेटेजी शेयर करते थे और इस ग्रुप की वजह से टीम में बेहद मजबूत कम्यूनिकेशन बना रहा जिसका परिणाम बैडमिंटन कोर्ट पर दिखाई दिया।

भारतीय पुरुष टीम ने ग्रुप मुकाबलों में जर्मनी और कनाडा को 5-0 से हराया था जबकि तीसरे ग्रुप मैच में चीनी ताइपे ने भारत को 3-2 से मात दी। लेकिन इसके बाद क्वार्टरफाइनल में भारत ने पहले तो मलेशिया को 3-2 से हराकर सेमिफाइनल में प्रवेश किया और टीम के लिए पहली बार कोई पदक पक्का किया। सेमीफाइनल में पूर्व विजेता डेनमार्क के खिलाफ टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन कर 3-2 से जीत दर्ज की जिसमें एच एस प्रणॉय ने निर्णायक मैच में पैर की चोट के बावजूद जीतने में कामयाबी हासिल की। फाइनल में गत विजेता इंडोनिशिया को 3-0 से हराते हुए टीम इंडिया ने पहली बार थॉमस कप अपने नाम किया।

Edited by Prashant Kumar