किसी भी क्रिकेट टीम की सफलता के पीछे बांए हाथ के गेंदबाज का अहम किरदार होता है, क्योंकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों को टीम का एक्स फैक्टर माना जाता है, जो किसी भी समय अपनी टीम की दिशा और दशा बदलने में सक्षम होते हैं। क्योंकि इन गेंदबाजों के पास दाएं हाथ के साथ बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान करने का हुनर होता है।
जब से क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का चलन बढ़ा है, उसके बाद से हर टीम में बाएं हाथ के गेंदबाजों की मांग भी काफी प्रबल हुई है। यही नहीं इन गेंदबाजों ने अपनी-अपनी टीम के लिए लाजवाब प्रदर्शन भी किया है। इस छोटे प्रारूप के अलावा विश्व कप जैसी सबसे बड़ी प्रतियोगिता में भी बाएं हाथ के गेंदबाजों की खासी मांग रहती है, क्योंकि टीम को चैंपियन बनाने में इनका रोल काफी महत्वपूर्ण होता है।
विश्व कप 2019 में शामिल प्रत्येक टीम में भी बाएं हाथ के तेज गेंदबजों को शामिल किया गया है। जिसमें ऑस्ट्रेलिया में जेसन बेहरेनडॉर्फ और मिशेल स्टार्क शामिल हैं, तो वहीं पाकिस्तान के पास मोहम्मद आमिर और शाहीन अफरीदी मौजूद हैं। इसके अलावा न्यूजीलैंड में ट्रेंट बोल्ट, वेस्टइंडीज में शेल्डन कॉटरेल, बांग्लादेश में मुस्ताफ़िज़ुर रहमान और श्रीलंका में इसुरू उदाना मौजूद हैं।
पूर्व के विश्वकप में भी टीमों के पास कई बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मौजूद रहे हैं, जिन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया है। आज हम आपको विश्वकप इतिहास के तीन सबसे सफल बांए हाथ के तेज गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं।
#3 जहीर खान
मैच- 23, विकेट- 44, मेडन ओवर- 12, बेस्ट बॉलिंग फिगर- 4/42
बाएं हाथ के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने भारत की ओर से दो विश्वकप फाइनल मैच खेले हैं। उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से भारत ने 2011 में विश्वकप खिताब जीतन में सफलता हासिल की थी। जहीर खान का प्रदर्शन भारत की ओर से इतना लाजवाब था कि वह 2011 के विश्वकप में संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे।
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उस टूर्नामेंट में उन्होंने अपने करियर की सबसे शानदार गेंदबाजी की थी। जबकि उनका सबसे शानदार गेंदबाजी आंकड़ा 4/42 था, जो कि उन्होंने 2003 के विश्वकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था। जहीर खान 4.47 की इकॉनमी रेट और 20.22 की औसत के साथ विश्वकप में भारत के सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए हैं।
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#2 चमिंडा वास
मैच - 31, विकेट - 49, मेडेन ओवर - 39, बेस्ट बॉलिंग फिगर - 6/25
श्रीलंका के स्टार गेंदबाज चमिंडा वास को विश्वकप इतिहास में इसलिए याद किया जाता है, क्योंकि उन्होंने 2003 के विश्वकप में अपने पहले ही ओवर में बांग्लादेश के खिलाफ हैट्रिक ली थी। उनकी बदौलत ही उस टूर्नामेंट में श्रीलंकाई टीम ने बांग्लादेश पर 9 विकेट से जीत दर्ज की थी और उस मैच में चमिंडा वास ने 9.1 ओवर गेंदबाजी की और 6 विकेट लेकर 25 रन दिए थे।
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चमिंडा वास ने श्रीलंका की ओर से चार विश्वकप में भाग लिया और शानदार गेंदबाजी करते हुए बल्लेबाजों को खूब परेशान किया है। हालांकि श्रीलंका के इस स्टार गेंदबाज को जितनी शानदार विदाई मिलनी चाहिए थी, वह उन्हें नहीं मिली। उनके करियर के अंतिम विश्व कप में शानदार प्रदर्शन की वजह से ही श्रीलंकाई टीम उपविजेता बनने में कामयाब हुई थी।
#1 वसीम अकरम
मैच - 38, विकेट - 55, मेडेन ओवर - 17, बेस्ट बॉलिंग फिगर - 5/28
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को उसका पहला विश्व कप खिताब दिलाने में वसीम अकरम का योगदान बेहद अहम था। उनकी वजह से पाकिस्तान उस टूर्नामेंट में शामिल अन्य टीमों पर भारी पड़ा था। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज को विश्व कप इतिहास का सबसे बेहतरीन गेंदबाज माना जाता है। अकरम ने अपने विश्व कप करियर की शुरुआत 1987 से की और 2003 तक वह 38 मैचों में अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करते रहे।
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वसीम अकरम ने इन सभी मैचों में शानदार गेंदबाजी करते हुए 4.04 की बेहतरीन इकॉनमी रेट से 55 विकेट हासिल किए थे। उनकी गेंदबाजी की गति और स्विंग बल्लेबाजों को काफी परेशान करती थी। यही कारण है कि वसीम अकरम को विश्व कप इतिहास का बाएं हाथ का सबसे सफल तेज गेंदबाज माना जाता है। उनका विश्व कप इतिहास में सबसे उम्दा प्रदर्शन नामीबिया के खिलाफ 2003 में आया था। जब उन्होंने 28 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे।