भारतीय टीम के लिए अभी तक कई दिग्गज खिलाड़ी कप्तानी कर चुके हैं। सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, सुनील गावस्कर, विराट कोहली जैसे बड़े नाम भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं। इसके अलावा 1983 में पहली बार कपिल देव की कप्तानी और 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता।
इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीता, 2008 में ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज जीती और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी जीता था। इसी वजह से महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम का सबसे सफल कप्तान भी कहा जा सकता है। वो 2007 से लेकर 2016 तक भारतीय टीम के कप्तान रहे और तीनों फॉर्मेट में उनकी कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन भी किया।
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हालांकि इस बीच कई बड़े खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं, जोकि भारतीय टीम के कप्तान बनने के काफी करीब आए और उन्हें यह मौका मिलना भी चाहिए था, लेकिन वो कभी भी टीम के कप्तान नहीं बन पाए।
इस आर्टिकल में हम ऐसे ही दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बात करने वाले हैं, जो कभी भी भारतीय टीम की कप्तानी मिलनी चाहिए थी:
1- युवराज सिंह
लिमिटेड ओवर क्रिकेट में सबसे सफल भारतीय खिलाड़ियों की बात होगी, तो निश्चित ही इसमें युवराज सिंह का नाम जरूर आएगा। युवराज सिंह ने अपने करियर में 400 से ऊपर मुकाबले खेले, इसमें उन्होंने 10,000 से ज्यादा रन भी बनाए। हालांकि इसके बावजूद उन्हें कभी भी भारतीय टीम की कप्तानी का मौका नहीं मिला।
2007 टी20 वर्ल्ड कप में जब सीनियर प्लेयर्स ने नहीं जाने का फैसला लिया था, तो उम्मीद लगाई जा रही थी कि भारतीय टीम की कमान युवराज सिंह को दी जा सकती है। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम का कप्तान बना दिया गया। इसके अलावा युवी काफी समय तक टीम के उपकप्तान भी रहे, लेकिन कभी भी उन्हें कप्तानी करने का मौका नहीं मिला।
संन्यास ले चुके उन दिग्गज खिलाड़ियों में युवराज सिंह शामिल हैं, जिन्हें कभी भी भारतीय टीम की कप्तानी नहीं मिल पाई।
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2- शिखर धवन
भारतीय टीम के दिग्गज सलामी बल्लेबाज शिखर अभी तक 136 वनडे, 34 टेस्ट और 61 टी20 मुकाबले खेल चुके हैं। इस बीच उन्होंने 9 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं और 24 अंतर्राष्ट्रीय शतक भी लगाए हैं। धवन अभी भी वनडे और टी20 टीम का हिस्सा हैं, तो टेस्ट टीम से वो बाहर चल रहे हैं।
हालांकि शिखर धवन अभी तक अपने करियर में एक भी मुकाबले में भारतीय टीम की कप्तानी नहीं कर पाए। 2018 एशिया कप में विराट कोहली टीम का हिस्सा नहीं थे। उनकी गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा टीम के कप्तान थे और शिखर धवन उपकप्तान की भूमिका निभा रहे थे।
अफगानिस्तान के खिलाफ भारत के आखिरी लीग मुकाबले में टीम मैनेजमेंट ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए कप्तान और उपकप्तान दोनों को आराम दे दिया। इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने टीम की कप्तानी की थी। गौर करने वाली बात यह थी कि धोनी का यह बतौर कप्तान 200वां मुकाबला था और शायद इसी वजह से रोहित शर्मा और शिखर धवन दोनों प्लेइंग इलेवन में नहीं खेले थे।
ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कप्तान और उपकप्तान एक साथ कोई मैच नहीं खेले। इसी वजह से उस मैच में शिखर धवन के पास पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी करना का मौका था, लेकिन उनके हाथ वो नहीं आया। मौजूदा हालात को देखते हुए यह मुश्किल ही है कि वो दोबारा भारतीय टीम की कप्तानी कर पाएंगे।
3- चेतेश्वर पुजारा
भारतीय टेस्ट टीम का अभिन्न हिस्सा चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 77 टेस्ट और 5 वनडे मुकाबले खेले हैं। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लगभग 6 हजार रन बनाए हैं और उनके नाम 18 शतक भी हैं। आपको बता दें कि 2018 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। पहले दो टेस्ट में भारतीय टीम के नियमित उपकप्तान अजिंक्य रहाणे को ड्रॉप किया गया था।
हालांकि इसके बाद भारत ने अगली सीरीज अफगानिस्तान के खिलाफ अपने घर में एकमात्र टेस्ट खेला था। इस एकमात्र टेस्ट में विराट कोहली नहीं खेले थे। हालांकि पिछली सीरीज में ड्रॉप होने वाले अजिंक्य रहाणे को इस मैच में टीम का कप्तान बनाया गया। हालांकि अनुभव और टीम का नियमित सदस्य होने के कारण यह मौका चेतेश्वर पुजारा को टीम की कप्तानी का मौका मिलना चाहिए था। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और आने वाले समय भी यह मुश्किल नजर आ रहा है कि पुजारा को भारतीय टीम की कप्तानी का मौका मिल पाएगा।