वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल जहां एक तरफ इंग्लैंड के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आया तो वहीं न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों और समर्थकों को एक बार फिर निराशा झेलनी पड़ी। लॉर्ड्स में 14 जुलाई को खेले गए फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने जीत हासिल की।
मुकाबला टाई रहा जिसके बाद सुपर ओवर कराया गया और फिर सुपर ओवर भी टाई रहने के बाद इंग्लैंड को मैच में ज़्यादा बाउंड्री लगाने के कारण विजेता घोषित किया गया। इंग्लैंड का तो पहली बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हो गया, लेकिन न्यूजीलैंड को लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के इतने करीब आने के बावजूद झटका लगा है।
हालांकि, वर्ल्ड कप इतिहास में लगातार दो बार वर्ल्ड कप फाइनल गंवाने वाली न्यूजीलैंड पहली टीम नहीं है। एक नजर डालते हैं लगातार दो बार वर्ल्ड कप फाइनल गंवाने वाली 3 टीमों पर।
यह भी पढ़ें: वर्ल्ड कप 2019: व्यक्तिगत अवॉर्ड जीतने वाले सभी खिलाड़ी और रिकॉर्ड
#3 इंग्लैंड (1987, 1992)
1987 में इंग्लैंड दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था जहां उसका सामना ऑस्ट्रेलिया से होना था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए डेविड बून (75) की बदौलत 253 रनों का स्कोर खड़ा किया। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड ने 1 रन पर ही पहला विकेट गंवा दिया था, लेकिन फिर वापसी की और करीबी मुकाबले में 5 रनों से हार गए।
1992 में एक बार फिर इंग्लैंड ने वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई और इस बार उनका सामना पाकिस्तान से हो रहा था। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इमरान खान (72) और जावेद मियांदाद (58) की बदौलत 249 रन बनाए थे। वसीम अकरम ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट झटके और इंग्लैंड को 227 पर समेटकर पाकिस्तान को पहली बार वर्ल्ड कप जिता दिया।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं।
#2 श्रीलंका (2007, 2011)
1996 में वर्ल्ड कप जीतने वाली श्रीलंका ने 2007 में वेस्टइंडीज में खेले गए वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी। श्रीलंका का सामना ऑस्ट्रेलिया से होना था और कंगारू टीम अपना खिताब बचाने के लिए बेकरार थी।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया के लिए एडम गिलक्रिस्ट ने 104 गेंदों में 149 रनों की तूफानी पारी खेली और टीम का स्कोर 281 तक पहुंचाया। बारिश के कारण जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका को डकवर्थ लुईस नियम के हिसाब से 36 ओवर में 269 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन श्रीलंका 215 रन ही बना सकी।
2011 वर्ल्ड कप में एक बार फिर श्रीलंका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। इस बार फाइनल में उनका सामना भारत से था। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने महेला जयवर्धने (103) की बदौलत 274 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारत ने गौतम गंभीर (97) और एमएस धोनी (91*) की बदौलत 10 गेंद शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया और 28 साल बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप खिताब पर अपना कब्जा जमाया।
#1 न्यूजीलैंड (2015, 2019)
न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में संयुक्त रूप से हुए 2015 वर्ल्ड कप में ब्रेंडन मैकलम की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई थी। मेलबर्न में खेले गए फाइनल में न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी बिखर गई और ग्रांट इलियट (83) की बदौलत वे किसी तरह 183 रन बना सके। ऑस्ट्रेलिया ने 33.1 ओवर में मुकाबला जीत लिया और न्यूजीलैंड का वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया।
2019 वर्ल्ड कप में अंडरडॉग के रूप में आने वाली न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही भारत को हराया और फिर फाइनल में इंग्लैंड को हर मोर्चे पर कड़ी टक्कर दी। हालांकि, इस बार भी किस्मत न्यूजीलैंड के साथ नहीं थी।
यह भी पढ़ें: वर्ल्ड कप 2019: अंतिम ओवर के विवादित ओवर थ्रो बाउंड्री पर केन विलियमसन का बड़ा बयान
पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 241 रन बनाए जिसके जवाब में इंग्लैंड भी 241 रन ही बना सका। सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए जिसके बाद ज़्यादा बाउंड्री लगाने वाली इंग्लैंड विजेता बनी।