आईपीएल के प्रशंसकों के लिए नवंबर का महीना रोमांचक था क्योंकि सभी टीमों ने अपने-अपने खिलाड़ियों को रिलीज किया और टीम में कुछ फेरबदल हुए। उनमें से कुछ बहुत ही रोचक फैसले थे क्योंकि लोग जिन खिलाड़ियों की रिलीज के बारे में सोच रहे थे वे टीम में बने रहेंगे और जिनका टीम में रहने की उम्मीद थी वे रिलीज कर दिए गए।
कुछ टीमों ने खिलाड़ियों में विश्वास दिखाया और पिछले सत्र में कुछ खास प्रदर्शन नहीं करने के बाद भी खिलाड़ियों को टीम में बरकार रखा। ये खिलाड़ी खुद को अपनी फ्रेंचाइजी के साथ रहने के लिए अपने आप को भाग्यशाली मानेंगे।
हालांकि हो सकता है कुछ खिलाड़ियों को रिटेन करने को लेकर गलत फैसले भी ले लिए गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं उन चार खिलाड़ियों के बारे में जिनको रिटेन करना टीमों के लिए गलत साबित हो सकता है।
# 4 बेन स्टोक्स
2017 में आरपीएस से 14 करोड़ और 2018 में रॉयल्स से 12 करोड़ रुपए पाने वाला ये इंग्लिश खिलाड़ी नीलामी में लगातार दो साल सबसे महंगा खिलाड़ी साबित हुआ है। स्टोक्स का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था।
स्टोक्स का पिछले सीजन में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था और वे राजस्थान रॉयल्स के प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे थे। अपने आईपीएल करियर में, स्टोक्स ने 25 मैचों में 134 की स्ट्राइक रेट से 512 रन बनाए हैं और साथ ही साथ 20 विकेट भी लिए है।
बेन स्टोक्स का रिटेंशन सबसे सही विकल्प नहीं है क्योंकि बेन पूरे सीजन के लिए आईपीएल में उपलब्ध नहीं रहेंगे।
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# 3 मनीष पांडे
कर्नाटक के मध्यक्रम के बल्लेबाज मनीष पांडे को आईपीएल 2018 के लिए सनराइजर्स हैदराबाद ने चुना था, जिसे एक अच्छी खरीद माना गया था। दुर्भाग्यवश, पांडे बल्ले से नाकाम रहे और उन्होंने सभी को निराश किया। उन्होंने 15 मैच में 115 की स्ट्राइक रेट से 284 रन बनाए।
सनराइजर्स हैदराबाद प्रबंधन ने मनीष पांडे के अनिरन्तर प्रदर्शन के बावजूद उन्हे टीम में बरकरार रखने का फैसला किया है जो कि वाकई एक दिलचस्प फैसला है। वे मनीष पांडे को जाने दे सकते थे और शायद उन्हें कम खर्च कर के भी वापस ले आ सकते थे। हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया।
मनीष पांडे भारत की टी-20 इलेवन में नियमित नहीं हैं। उनका फॉर्म पिछले कुछ समय से काफी अनिरन्तर रहा है और कुल मिलाकर हैदराबाद की टीम प्रबंधन का ये फैसला समझ से परे हैं।
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# 2 स्टुअर्ट बिन्नी
34 वर्षीय ऑलराउंडर ने साल 2016 में भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला था। इंडियन प्रीमियर लीग के ग्यारहवें संस्करण के लिए राजस्थान रॉयल्स ने बिन्नी को अपनी टीम में शामिल किया था। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग 2018 में 112 की स्ट्राइक रेट से 7 मैचों में सिर्फ 44 रन बनाए और किसी को भी प्रभावित नहीं कर सके।
आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग 2019 के लिए रॉयल्स ने अपनी टीम में रिटेन किया है। उनके प्रदर्शन के आधार पर ये फैसला बिल्कुल चौंकाने वाला है। बिन्नी ने आईपीएल 2013 में अपने प्रदर्शन से भारतीय खेमे में जगह बनाई लेकिन दुर्भाग्यवश उसके बाद से उनका फॉर्म लगातार गिरता रहा और वे टीम से बाहर हो गए। वे शायद अब भारत के लिए फिर कभी ना खेल पाए।
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# 1 हरभजन सिंह
पंजाब के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह मुंबई इंडियंस के लिए लगातार दस साल तक खेले। अफसोस की बात है कि मुंबई इंडियंस प्रबंधन ने उनके साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला लिया, जिसका एक बड़ा कारण उनकी उम्र हो सकती है।
हरभजन को 2018 संस्करण के लिए चेन्नई सुपर किंग्स के रूप मे एक नया घर मिला। हालांकि, वह उसी प्रभाव को दोहराने में नाकाम रहे। उन्होंने 13 मैचों में केवल 7 विकेट लिए। इस दौरान उनकी 8.48 की महंगी इकॉनमी रेट रही।
अगले इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत से पहले हरभजन 38 साल के हो जाएंगे इसके बावजूद भी चेन्नई सुपर किंग्स के जरिए उनका रिटेंशन काफी चौकाने वाला फैसला था। ये अनुभवी ऑफ स्पिनर इन दिनों नियमित रूप से प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी नहीं खेल रहे हैं।
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लेखक: अथर्व आपटे
अनुवादक: हिमांशु कोठारी