हर खेल की तरह क्रिकेट भी एक स्किल वाला खेल है। इस खेल में भी जिस टीम के पास बेहतर योग्यता वाले खिलाड़ी होंगे, वही बेहतर प्रदर्शन करती है। इस खेल में ऐसे कई बल्लेबाज हुए जिन्होंने अपने बल्लेबाजी से नाम कमाया। कुछ गेंदबाज भी ऐसे हुए जिन्होंने अपनी गेंदबाजी के दम पर नाम कमाया।
क्रिकेट का खेल जब तक चलता रहेगा तब तक प्रसिद्ध बल्लेबाज, गेंदबाज और ऑलराउंडरों की संख्या बढ़ती रहेगी। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं जिनके पास कुछ खास तरह की स्किल होती है। इसी तरह की खास स्किल है एक खिलाड़ी द्वारा पेस और स्पिन गेंदबाजी करना।
बहुत से खिलाड़ी केवल तेज गेंदबाजी करते हैं, वहीँ कुछ स्पिन लेकिन कुछ खिलाड़ी दोनों तरह की ही गेंदबाजी करने में माहिर है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज मार्क वॉ वास्तव में अपने करियर में पहले मध्यम तेज गेंदबाजी करते थे। बाद में उन्होंने अपना ध्यान स्पिन गेंदबाजी पर लगाया।
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इस आर्टिकल में हम 5 ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने एक ही मैच में पेस और स्पिन गेंदबाजी की:
#1 कॉलिन मिलर
मार्च 2000 में वेलिंगटन में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में, न्यूजीलैंड पहले बल्लेबाजी करते झुए 18 रन पर 2 विकेट खोकर संघर्ष कर रहा था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने मिलर को गेंदबाजी के लिए बुलाया। मिलर ने दौड़कर कीवी कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग को अपनी सामान्य ऑफ स्पिन गेंदबाजी की। चार डॉट गेंदों का सामना करने के बाद, बाएं हाथ के बल्लेबाज फ्लेमिंग ने पांचवी गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक पर मैथ्यू सिंक्लेयर को ला दिया।
सिंक्लेयर के स्ट्राइक पर आने के बाद मिलर ने मध्यम गति से गेंदबाजी का निर्णय लिया और ओवर की आखिरी गेंद मध्यम गति से डाली। यह मूव फायदेमंद साबित हुआ और मिलर ने सिंक्लेयर का विकेट चटका लिया।
#2 करसन घावरी
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज करसन घावरी ने लंबे समय तक कपिल देव के ओपनिंग गेंदबाज पार्टनर की भूमिका निभाई थी। घावरी जो तेज गेंदबाज करते थे, एक बार उन्होंने बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट झटके थे। यह कारनामा उन्होंने फरवरी 1977 में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवे टेस्ट में किया था। कप्तान बिशेन सिंह बेदी, बी.एस. चंद्रशेखर और प्रसन्ना की प्रसिद्ध भारतीय स्पिन तिकड़ी दूसरी पारी में कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पा रही थी।
बेदी पर गए तो उन्होंने गावस्कर से कप्तानी करने को कहा। गावस्कर उस समय लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी करवाना चाहते थे। गावस्कर की यह ख्वाहिश घावरी ने पूरी की और उन्होंने बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करते हुए मैच में पांच विकेट चटकाए।
#3 मनोज प्रभाकर
मनोज प्रभाकर ने 1996 विश्व कप के दौरान अपने होम ग्राउंड दिल्ली में श्रीलंका के खिलाफ मध्यम गति की गेंदबाजी से स्पिन गेंदबाजी की। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में तीन विकेट खोकर 271 रन बनाये। जवाब में श्रीलंका की तरफ से जयसूर्या ने ताबड़तोड़ शुरुआत की और टीम का स्कोर 7 ओवर में ही 71 रन पहुँच गया।
प्रभाकर ने अपने पहले दो ओवरों में 33 रन दिए। भारतीय कप्तान अज़हर के पास गेंदबाजी विकल्पों की कमी के कारण, उन्होंने प्रभाकर को दोबारा बुलाया। प्रभाकर ने इस बार मध्यम गति से गेंदबाजी ना करते हुए ऑफ स्पिन गेंदबाजी की।
#4 सोहेल तनवीर
2007 में ईडन गार्डन्स में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान तेज गेंदबाजी करते हुए तनवीर को ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी। यह देखते हुए उन्होंने लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाजी की। स्पिन गेंदबाजी करते हुए वो जरा भी मुश्किल में नहीं दिखे।
#5 सचिन तेंदुलकर
सचिन के बारे में लोगो को पता ही है कि सचिन अक्सर एक ही मैच में स्पिन और मध्यम गति से गेंदबाजी करते थे। क्रिकेट में ऐसा सात बार हुआ है जब सचिन को एक ही ओवर में कई तरह से गेंदबाजी करते हुए देखा गया है। सचिन के नाम 154 वनडे विकेट और 46 टेस्ट विकेट दर्ज हैं।