5 लोकप्रिय कप्तान जो अपनी टीम को आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता पाए 

Neeraj
ये कप्तान अपनी टीम को आईसीसी ट्रॉफी जिता पाने में सफल नहीं हो पाए
ये कप्तान अपनी टीम को आईसीसी ट्रॉफी जिता पाने में सफल नहीं हो पाए

किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इनमें से बहुत ही कम ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिन्हें राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करने का मौका मिल पाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश की कप्तानी करना हर एक खिलाड़ी के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन एक कप्तान के तौर पर देश की कमान संभालना हर खिलाड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।

जब भी कोई टीम क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हुए आईसीसी (lCC) की ट्रॉफी जीतने में सफल रहती है तो सबसे ज्यादा तारीफ कप्तान की ही होती है। लेकिन कई बार टीमें आईसीसी के बड़े इवेंट्स में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहती हैं ऐसे में टीम के कप्तान को कप्तानी पद भी छोड़ना पड़ जाता है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई दिग्गज कप्तान हुए हैं जिनकी कप्तानी में उनकी टीमें आईसीसी की कई सारी ट्रॉफी जीतने में कामयाब रही हैं। तो वहीं कई कप्तान ऐसे भी रहे जिनकी कप्तानी में उनकी टीम आईसीसी की कोई ट्रॉफी नहीं जीती, जबकि एक कप्तान के तौर पर उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा। इस आर्टिकल में हम उन 5 दिग्गज कप्तानों का जिक्र करेंगे जिनकी कप्तानी में उनकी टीम आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती।

5 दिग्गज कप्तान जो अपनी टीम को आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता पाए

#5 महेला जयवर्धने (श्रीलंका)

महेला जयवर्धने (Image - Espn)
महेला जयवर्धने (Image - Espn)

श्रीलंकाई पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने की गिनती क्रिकेट जगत के दिग्गजों में होती है। जयर्धने का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 18 सालों का रहा था। उन्होंने 2004 से 2013 के दौरान श्रीलंका टीम की कमान संभाली थी, जिसमें तीनों ही प्रारूप शामिल रहे थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज के नेतृत्व में श्रीलंका ने 126 वनडे और 19 टी20 मुकाबले खेले थे।

जयवर्धने अपनी अगुवाई में श्रीलंका को एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता पाए थे। हालाँकि आईसीसी वर्ल्ड कप 2007 में श्रीलंका ने जयवर्धने की कप्तानी में फाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने बाजी मार ली थी।

#4 ग्रीम स्मिथ (दक्षिण अफ्रीका)

ग्रीम स्मिथ (Image - Espn)
ग्रीम स्मिथ (Image - Espn)

बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। उनकी कप्तानी में प्रोटियाज टीम की गिनती सबसे मजबूत टीमों में होती थी। स्मिथ ने 2003 से 2011 के बीच अफ्रीकी टीम की कमान संभाली थी, और उनकी कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने आईसीसी के 8 टूर्नामेंट (2 वर्ल्ड कप, 3 टी20 वर्ल्ड कप, 3 चैंपियंस ट्रॉफी) खेले थे। लेकिन हर टूर्नामेंट में अफ्रीका टीम को निराशा हाथ लगी। स्मिथ अपनी कप्तानी में आईसीसी की कोई भी ट्रॉफी जीतने में सफल नहीं हो पाए थे।

#3 एबी डीविलियर्स (साउथ अफ्रीका)

एबी डीविलियर्स (Image - Espn)
एबी डीविलियर्स (Image - Espn)

एबी डीविलियर्स वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी खरनाक बल्लेबाजी के लिए पूरी दुनिया में विख्यात थे। एक शानदार बल्लेबाज होने के साथ डीविलियर्स एक बेहतरीन कप्तान भी थे। डीविलियर्स ने 2012 से 2017 के दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीम की अगुवाई की थी। दाएं के बल्लेबाज की कप्तानी में अफ्रीकी टीम ने आईसीसी के कुल 4 टूर्नामेंट (1 वर्ल्ड कप, 1 टी20 वर्ल्ड कप, 2 चैंपियंस ट्रॉफी) खेले थे। लेकिन इनमें से किसी भी टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका की टीम जीत पाने में कामयाब नहीं रही थी।

#2 विवियन रिचर्ड्स (वेस्टइंडीज)

विवियन रिचर्ड्स (Image - Espn)
विवियन रिचर्ड्स (Image - Espn)

कैरेबियाई दिग्गज विवियन रिचर्ड्स की गिनती विश्व क्रिकेट के उच्च कोटि के बल्लेबाजों में होती है। मौजूदा समय के भी कई युवा क्रिकेटर इन्हें अपना आदर्श मानते हैं। रिचर्ड्स ने 1980 से 1991 के दौरान वेस्टइंडीज टीम की कमान संभाली थी। रिचर्ड्स की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने 105 वनडे मुकाबले खेले थे। इनमें से 67 में और 36 में टीम को हार मिली, जबकि दो मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला था। लेकिन उनकी कप्तानी में कैरेबियाई टीम आईसीसी की ट्रॉफी जीतने में कभी कामयाब नहीं हो पाई।

#1 विराट कोहली (भारत)

विराट कोहली (Image - Espn)
विराट कोहली (Image - Espn)

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान भी इस लिस्ट में शामिल हैं। विराट कोहली ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर विश्व के कई बड़े रिकॉर्ड धवस्त किये। लेकिन कप्तानी करते हुए कोहली भी आईसीसी ट्रॉफी जीतने से वंचित रहे। विराट कोहली 2013 से 2022 से भारतीय टीम के कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट के दो (2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप) फाइनल मुकाबले जरूर खेले लेकिन दोनों ही मैचों में भारत को हार का मुँह देखना पड़ा था।

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