किसी भी खिलाड़ी की पहचान उसके अच्छे दौर से नहीं होती है, बल्कि वह खराब दौरे से गुजरने के बाद कैसे वापसी करता है, यह भी मायने रखता है। खिलाड़ी महान तब होता है जब वो बुरे वक़्त से हारता नहीं है बल्कि उससे लड़ता है और मजबूती के साथ वापसी करता है।
क्रिकेट में कई ऐसे महान खिलाड़ी रहे जिन्होंने अपने करियर के अंतराल में वो समय भी देखा जहाँ से पूरी दुनिया ने ये मान लिया था कि खिलाड़ी अब अपने खराब दौर से वापसी नहीं कर पायेगा लेकिन दिग्गजों ने हार नहीं मानी और दमदार वापसी करते हुए खुद को साबित किया।
5 दिग्गज खिलाड़ी जिन्होंने खराब दौर से गुजरने के बाद शानदार वापसी की
#5 रिकी पोंटिंग
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और कप्तान रिकी पोंटिंग आज भले ही दुनिया के महान खिलाड़ियों में जाने जाते हों मगर करियर शुरू करने के कुछ साल बाद ही उन्हें कुछ वक़्त तक ऐसे दौर से गुज़ारना पड़ा जब उनके बल्ले से रन निकलने काफी मुश्किल हो रहे थे और ऐसा लग रहा था कि इस बल्लेबाज का करियर शुरू होते ही ख़त्म हो जायेगा। 2000/01 के बीच लगभग कुछ महीनों तक पोंटिंग की फॉर्म ख़राब रही और बड़े स्कोर नहीं बना पा रहे थे। भारत के खिलाफ 2001 के दौरे में में भी उनका बल्ला खामोश रहा, जहाँ पांच टेस्ट पारियों में वह तीन बार शून्य पर आउट हुए और उनका बेस्ट स्कोर महज 11 का रहा।
हालॉंकि, उन्होंने हार नहीं मानी और एशेज सीरीज के दौरान अगस्त, 2001 के दौरान हेडिंग्ले में खेले गए टेस्ट में उन्होंने 144 रन की लाजवाब पारी खेली। इसके बाद अगली दो पारियों में भी उन्होंने अर्धशतक जड़े। पोंटिंग ने अपना करियर ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल बल्लेबाज के रूप में समाप्त किया।
#4 एलिस्टेयर कुक
इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक भी अपने पदार्पण के कुछ सालों बाद ही ख़राब फॉर्म से जूझने लगे, 2010 के कुछ महीने उनके लिए बुरे सपने की तरह साबित हुए। बांग्लादेश और पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में खराब प्रदर्शन की वजह से उनकी औसत भी कम हो गई थी।
इन दो घरेलू सीरीज की दस पारियों में कुक ने महज एक शतक बनाया और उनके बल्ले से 226 रन ही निकले। एशेज को देखते हुए उनकी जगह किसी और ओपनर को शामिल करने की भी चर्चा हुई थी लेकिन इस बल्लेबाज ने एशेज के दौरान जबरदस्त खेल दिखाया था।
#3 माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज माइकल क्लार्क ने 2010/11 की एशेज और भारतीय दौरे के दौरान 13 पारियों में मात्र 18 से भी कम की औसत से 228 रन बनाये थे और बुरी तरह फ्लॉप हुए थे। इस दौरान एशेज में खेली गयी उनकी 80 रनों की पारी के अलावा एक भी अर्धशतक नहीं था।
माइकल क्लार्क भारत के खिलाफ दो टेस्ट मैच की 4 पारियों में मात्र 35 रन बना पाए थे। इस दौरान उन्होंने सिर्फ एक बार 20 के स्कोर को पार किया था, जब उन्होंने 80 रनो की एकमात्र अर्धशतकीय पारी खेली थी। 2011 के आखिर में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाकर उन्होंने अपने फॉर्म को बैक किया। अपना फॉर्म हासिल किया और फिर लगातार अच्छा खेल दिखाया।
#2 एबी डीविलियर्स
360 डिग्री बैट्समैन के नाम से मशहूर साउथ अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तान डीविलियर्स को आज कौन नहीं जानता। उनकी बल्लेबाजी के प्रशंसक दुनिया भर में हैं। डीविलियर्स 2006-07 की भारत और पकिस्तान के खिलाफ लगातार दो श्रंखलाओं के दौरान 12 पारियों में लगातार फ्लॉप रहे जिसमे उनका सर्वाधिक स्कोर 47 था। इन 12 पारियों में डीविलियर्स ने 13 की औसत से मात्र 150 रन बनाये थे।
इन दोनों सीरीज के बाद डीविलियर्स की फॉर्म में सुधार तो आया मगर उन्हें शतक के लिए अगले साल जनवरी तक का इन्तजार करना पड़ा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ लगाया गया वो शतक लगभग तीन साल के गैप अंतराल के बाद आया था।
#1 विराट कोहली
भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली मौजूदा समय में भी खराब दौर से गुजर रहे हैं लेकिन इससे भी ज्यादा खराब प्रदर्शन साल 2014 के दौरान देखने को मिला था। उस साल इंग्लैंड दौरे की पांच पारियों में कोहली के बल्ले से महज 134 रन निकले थे और वह कई बार जेम्स एंडरसन का शिकार बने थे। ऑफ स्टंप की लाइन वाली गेंदों पर उन्हें काफी परेशानी आई थी।
हालांकि उस वक़्त उन्हें शतक के लिए ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ा था। उन्होंने उसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट की कप्तानी संभाली और उस सीरीज में 4 शतक लगाकर जबरदस्त वापसी की थी।