क्रिकेट के खेल में टीम के कप्तान की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समय पर गेंदबाजी परिवर्तन करना और गेंदबाजी के अनुसार फील्डिंग लगाने के साथ ही मैच की स्थिति का भी जायजा लेना पड़ता है। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में कप्तान पर और ज्यादा दवाब होता है, जहाँ उसे देशी और विदेशी खिलाड़ियों के बीच सयोंजन बिठाना होता है।
आईपीएल में कई ऐसे कप्तान रहे, जिन्होंने अपनी कप्तानी में आईपीएल का ख़िताब जीता। हालाँकि कई कप्तान ऐसे भी रहे जिनका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा और उन्होंने मध्य सीजन में ही कप्तानी त्याग दी।
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आइये नजर डालते हैं उन 5 खिलाड़ियों पर जिन्होंने आईपीएल के बीच में ही टीम हित के लिए कप्तानी छोड़ दी:
#5 रिकी पोंटिंग
मुंबई इंडियंस को आईपीएल के शुरू के पांच सीजन में बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ियों के टीम होने के बावजूद ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। पहले चार सीजन में उन्होंने क्रमश सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, शॉन पोलाक और ड्वेन ब्रावो के रूप में चार कप्तानों को आज़माया । सिर्फ कप्तानी की पहेली को सुलझाने के लिए मुंबई ने 2013 की नीलामी में रिकी पोंटिंग को खरीदा था। एमआई प्रशंसक ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज को अपनी टीम के कप्तान के रूप में देखने के लिए उत्साहित थे।
मुंबई ने पोंटिंग की कप्तानी में आईपीएल 2013 के शुरू के चार मैचों में से तीन में जीत हासिल की लेकिन पोंटिंग का बतौर बल्लेबाज प्रदर्शन काफी खराब था। उनका टी20 प्रारूप के हिसाब से स्ट्राइक रेट भी काफी कम था। पोंटिंग ने अपनी खराब फॉर्म को देखते हुए खुद को टीम से ड्रॉप कर दिया और युवा रोहित शर्मा को टीम की कमान सौंप दी। इसके बाद मुंबई ने रोहित की कप्तानी में चार आईपीएल ख़िताब जीते और मुंबई अभी तक आईपीएल के इतिहास की सबसे सफल टीम है।
#4 गौतम गंभीर
दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल 2018 में अपनी टीम में काफी बदलाव किये और कुछ अहम फैसले किये। दिल्ली ने घरेलू खिलाड़ी गौतम गंभीर को टीम का कप्तान बनाया और उन्हें टीम को सँभालने की जिम्मेदारी दी। गंभीर ने पहले ही मैच में अर्धशतक लगाया लेकिन उसके बाद अगले पांच मैचों में वो मात्र 30 रन ही जोड़ पाए। दिल्ली की टीम ने शुरू के 6 में से 5 मैचों में हार का सामना किया।
टीम के खराब प्रदर्शन को देखते हुए गंभीर ने कप्तानी छोड़ दी और युवा श्रेयस अय्यर को टीम की कप्तानी मिली। अय्यर की कप्तानी में टीम ने 2019 के सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया और टीम प्लेऑफ तक पहुंची।
#3 डेनियल विटोरी
आईपीएल के पहले तीन साल तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में क्वालिटी टेस्ट खिलाड़ी ज्यादा थे। 2011 में उन्होंने एबी डीविलियर्स, तिलकरत्ने दिलशान और डेनियल विटोरी जैसे क्वालिटी टी-20 खिलाड़ियों को खरीदा। टीम प्रबंधन ने न्यूजीलैंड के लेफ्ट आर्म स्पिनर डेनियल विटोरी को टीम का कप्तान नियुक्त किया। आरसीबी ने उस सीजन फाइनल तक का सफर किया लेकिन वो चेन्नई के हाथों हार गए।
आईपीएल 2012 में कप्तान विटोरी का प्रदर्शन खराब था और वो बीच के ओवरों में विकेट नहीं ले पा रहे थे, वहीँ उनके साथी खिलाड़ी मुरलीधरन टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। प्लेइंग इलेवन में 4 खिलाड़ियों के नियम की वजह से विटोरी ने खुद को ड्रॉप किया और विराट को टीम का कप्तान बनाया गया।
#2 कुमार संगकारा
2012 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने डेक्कन चार्जर्स आईपीएल फ्रैंचाइजी को टर्मिनेट कर दिया था। लेकिन टीम के खिलाड़ियों को नई टीम सनराइजर्स हैदराबाद के तहत बरकरार रखा गया था। टीम का कप्तान कुमार संगकारा को बनाया गया। हैदराबाद ने शुरू के 7 में 5 मैचों में जीत दर्ज की थी। हालाँकि यह शानदार प्रदर्शन उन्होंने गेंदबाजों की बदौलत किया था।
टीम के बल्लेबाज और कप्तान संगकारा का प्रदर्शन काफी खराब था। संगकारा ने 9 पारियों में मात्र 120 रन बनाये और प्लेऑफ की रेस में बने रहने के लिए संगकारा ने खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर लिया। टीम कैमरून वाइट की कप्तानी में आखिर के 4 में से 3 मैच जीतकर प्लेऑफ तक पहुंची।
#1 शिखर धवन
2014 सीजन से पहले सनराइजर्स हैदराबाद ने सिर्फ शिखर धवन और डेल स्टेन को रिटेन करने फैसला किया था। फ्रैंचाइजी ने नीलामी में डेविड वॉर्नर, एरोन फिंच, केएल राहुल और भुवनेश्वर कुमार जैसे क्वालिटी प्लेयर्स खरीदे। धवन को टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उनके पास एक मजबूत स्क्वाड था और उस सीजन में अच्छा करने की उम्मीद थी।
कप्तानी के दवाब में धवन का बल्ले से प्रदर्शन खास नहीं रहा और इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ रहा था। अपने खराब प्रदर्शन को देखते हुए धवन ने कप्तानी की जिम्मेदारी बीच सीजन ही डैरेन सैमी को सौंप दी। हालाँकि टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी और लीग स्टेज से बाहर हो गयी।