एक बल्लेबाज़ के तौर पर अपने टेस्ट करियर में दोहरा शतक लगाना एक बड़ी उपलब्धि होती है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे कई महान खिलाड़ी रहे, जोकि इस मुकाम तक नहीं पहुँच पाए, जबकि कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे, जिन्होंने यह कारनामा दो अलग फॉर्मेट में कर रखा है।
हालांकि इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि किसी खिलाड़ी ने दोहरा शतक लगाया हो और उसी टेस्ट की दूसरी पारी में शून्य पर आउट हुए हो। ऐसा क्रिकेट में बहुत बात बार हुआ है, लेकिन इस लिस्ट में खिलाड़ी मौजूद हैं।
नोट: इस लिस्ट में उन्हीं खिलाड़ियों को शामिल किया गया है जो अब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं
आइये नज़र डालते हैं, ऐसे 7 मौकों पर जब टेस्ट में ऐसा हुआ हो।
#) डडली नर्स
दक्षिण अफ्रीका के दाएं हाथ के बल्लेबाज डडली नर्स ने अपने करियर में 34 मुकाबलों में 50 से ऊपर की औसत से 2960 रन बनाए। इस बीच उन्होंने 9 शतक भी जड़े। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1935 में जोहन्सबर्ग में खेले गए टेस्ट में नर्थ चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और 0 पर आउट हो गए। हालांकि दूसरी पारी में उन्होंने 231 रनों की शानदार पारी खेलते हुए दोहरा शतक जड़ा। अंत में यह मैच ड्रॉ रहा था।
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# विवियन रिचर्ड्स- 208 और 0 Vs ऑस्ट्रेलिया- 1984
सर विवियन रिचर्ड्स को महानतम बल्लेबाजों की श्रेणी में गिना जाता है, यह सिर्फ उनकी बल्लेबाज़ी का कमाल नहीं था, बल्कि उनका किरदार ही ऐसा था कि कोई भी टीम उनसे डर जाए। अपने करियर में रिचर्ड्स ने बहुत बार दोहरा शतक लगाया, लेकिन सिर्फ एक बार ही वो उसकी दूसरी पारी में वो शून्य पर आउट हुए।
साल 1984 में बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विव रिचर्ड्स ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 245 गेंदों में 208 रन बनाए और उनकी पारी की बदौलत वेस्ट इंडीज ने 479 रन बनाए। हालांकि दूसरी पारी में वो क्रेग मैकडरमट का शिकार बने और शून्य पर आउट हो गए। उनके 0 पर आउट होने से मैच के परिणाम पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा और मुक़ाबला ड्रॉ रहा।
# इम्तियाज़ अहमद - 209 और 0 Vs न्यूज़ीलैंड- 1955
पूर्व पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज़ इम्तियाज़ अहमद 50 के दशक में लगातार पाकिस्तान टीम का हिस्सा रहे। अच्छे बल्लेबाज़ होने के बावजूद, उन्हें बैटिंग करने के लिए नीचे ही भेजा जाता था। उन्होंने पाकिस्तान के लिए खेले 41 टेस्ट में 30 की औसत से 2000 रन बनाए, जिसमें 3 शतक मौजूद थे।
इम्तियाज़ का सर्वाधिक स्कोर 209 न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 1955 में लाहौर में आया। उनकी उस पारी की बदौलत पाकिस्तान को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहली पारी में लीड मिली, जिसकी वजह से उन्हें दूसरी पारी में सिर्फ 116 रनों का लक्ष्य मिला। अहमद को नंबर 3 पर खेलने का मौका मिला, लेकिन उन्हें जॉन रीड ने शून्य पर आउट कर दिया।
इम्तियाज़ के शून्य पर आउट होने से टीम को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा और अंत में पाकिस्तान ने वो मैच 6 विकेट से जीत लिया।
# सेयमोर नर्स- 201 और 0 Vs ऑस्ट्रेलिया- 1965
सेयमोर नर्स पूर्व वेस्टइंडीज बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने 1960 से लेकर 1969 तक 29 टेस्ट मैच खेले। नर्स एक अच्छे बल्लेबाज़ थे और उनके नाम 48 की औसत से 2500 से ज्यादा रन दर्ज हैं। उन्होंने अपने करियर में 6 शतक लगाए, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 258 का रहा, जो उन्होंने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ उनके आखिरी टेस्ट में मारा।
साल 1965 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट में नर्स ने 201 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया टीम द्वारा बनाए गए 650 रनों का अच्छा जवाब दिया। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज को 253 रनों का लक्ष्य दिया। नर्स उस पारी में छठे नंबर पर खेलने आए और उन्हें नील होके ने शून्य पर आउट किया। वो मैच ड्रॉ रहा और वेस्ट इंडीज मैच खत्म होने पर सिर्फ 11 रन दूर थी।
# शोएब मलिक- 245 और 0 Vs इंग्लैंड- 2015
पाकिस्तान के शोएब मलिक को हमेशा ही लिमिटिड ओवर्स के बल्लेबाज़ के तौर पर देखा गया है, लेकिन उन्होंने 35 टेस्ट मैच भी खेले है। मालिक ने 35 के ऊपर की औसत से करीब 2000 रन बनाए है, जिसमें 3 सेंचुरी और 8 अर्धशतक शामिल हैं।
शोएब मलिक ने 2015 में करीब 5 साल बाद इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान टेस्ट टीम में वापसी की। वापसी के बाद उन्होंने पहली पारी में आबु-धाबी में 245 रन बनाए। हालांकि मैच की दूसरी पारी में वो नाकाम रहे और शून्य पर जेम्स एंडरसन का शिकार बने। मलिक के शून्य पर आउट होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि अंत में मैच ड्रॉ रहा।
# रिकी पोंटिंग- 242 और 0 Vs भारत- 2003
पूर्व ऑस्ट्रेलियन कप्तान रिकी पोंटिंग की गिनती हमेशा ही शानदार बल्लेबाजों की सूची में ही की जाएंगी। 17 साल के करियर में उन्होंने 168 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 52 की औसत से 13000 से ऊपर रन बनाए। उन्होंने इस बीच 41 शतक लगाए और उनमें से कुछ तो शानदार दोहरा शतक भी थे।
उनकी एक बेहतरीन पारी 2003 में एडिलेड में भारत के खिलाफ आई, जहां उन्होंने 242 रन बनाए। पोंटिंग की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 556 रन बनाए, लेकिन इंडियन टीम ने राहुल द्रविड़ की 233 रनों की बदौलत पहली पारी में 523 रन बनाए।
दूसरी पारी में पोंटिंग 17 गेंदों तक संघर्ष करते नज़र आए और अंत में उन्हें अजीत अगरकर ने शून्य पर आउट किया। उसके बाद कोई भी ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज़ मैदान में टिक नहीं पाया और पूरी टीम 196 पर ऑल आउट हो गई। भारत ने 230 रनों का लक्ष्य 4 विकेट शेष रहते हासिल कर लिया और एक यादगार जीत दर्ज की।