भारतीय क्रिकेट टीम एक ऐसी टीम है, जिसने दो बार विश्वकप का खिताब जीता है। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में विश्वकप खिताब जीतने के बाद 2003 में भी भारत इस महाकुंभ के फाइनल में पहुचने में कामयाब हुआ था।
वहीं 2011 में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर से भारतीय टीम को विश्वकप विजेता बनाया। इसके बाद साल 2015 और 2019 के विश्वकप में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन क्या आपको पता है कि विश्वकप में भारत के इतने शानदार सफर के बाद भी इस देश के कुछ ऐसे भी महान खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने करियर में एक भी विश्वकप नहीं खेला है।
आज हम आपको ऐसे ही 7 मशहूर भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर में एक भी विश्वकप नहीं खेला है।
#7 प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार एक ऐसे क्रिकेटर रहे हैं, जो किसी भी पिच पर गेंद को स्विंग कराने की काबिलियत रखते थे। प्रवीण कुमार ने अपने छोटे से करियर में भारत के लिए कुल 68 वनडे मैच खेले हैं।
उन्होंने अपने इस करियर में 5.13 की इकॉनमी रेट से कुल 77 विकेट चटकाए हैं। बताते चलें कि प्रवीण कुमार को 2011 के विश्वकप टीम में शामिल किया गया था लेकिन यह स्टार गेंदबाज चोट के कराण टूर्नामेंट से बाहर हो गया था और उसके बाद उन्होंने साल 2012 में भारतीय टीम के लिए अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला। तब से यह गेंदबाजी वापसी नहीं कर सका।
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#6 इशांत शर्मा
टेस्ट क्रिकेट में इशांत शर्मा भारत के लिए एक अनुभवी खिलाड़ी रहे हैं लेकिन एकदिवसीय क्रिकेट में उनका प्रदर्शन उतना शानदार नहीं रहा। उन्होंने अभी तक 80 वनडे मैच खेले हैं और उनमें 115 विकेट लेने में सफल रहे हैं। इशांत शर्मा की सबसे बड़ी कमी यह रही है कि वह डेथ ओवर में गेंदबाजी करने में विफल साबित हुए हैं। इशांत ने 2011 के विश्वकप में हिस्सा नहीं लिया और 2015 के विश्वकप में वह चोट के कारण बाहर हो गए। 2019 वर्ल्ड कप में भी उन्हें जगह नहीं मिली और वह पिछले काफी लंबे समय से वनडे टीम से बाहर चल रहे हैं।
#5 विनय कुमार
भारत के अनुभवी खिलाड़ी विनय कुमार को हमने आईपीएल में लाजवाब प्रदर्शन करते हुए देखा है लेकिन वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उतने ज्यादा सफल नहीं हो सके। विनय कुमार की खासियत यह है कि वह लगातार 130-135 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने में सक्षम हैं।
विनय ने अपने छोटे से वनडे अंतर्राष्ट्रिय करियर में 31 वनडे मैच खेले हैं और उनमें 38 विकेट लिए हैं। उन्होंने अपना अंतिम मैच 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था और उसमें उन्होंने 9 ओवर में 100 रन दिए थे। जिसके बाद वह भारतीय टीम में कभी भी वापसी नहीं कर सके और न ही उन्होंने भारत के लिए एक भी विश्वकप खेला है।
#4 अंबाती रायडू
वर्ल्डकप 2019 में यह संभावना जताई जा रही थी कि अंबाती रायडू को भारतीय टीम में खाली रहे नंबर चार के लिए चुन लिया जाएगा लेकिन उन्हें एक बार फिर से निराशा ही हाथ लगी। रायडू ने 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी लेकिन तब से ही वह कभी अच्छा तो कभी बुरा प्रदर्शन कर टीम से बाहर और अंदर होते रहे।
हालांकि रायडू को 2015 में विश्वकप टीम में चुना गया था लेकिन उन्होंने एक भी मैच नहीं खेला था। वहीं 2019 के विश्व कप में भी उन्हें आखिरी समय में टीम से बाहर कर दिया गया।
#3 अमित मिश्रा
अमित मिश्रा का नाम ऐसे खिलाड़ियों में शामिल किया जाता है, जो सबसे ज्यादा अनलकी रहे। जबरदस्त स्पिन गेंदबाजी क्षमता से लैस यह गेंदबाज कभी भी टीम में अपनी स्थायी जगह नहीं बना सका। 2011 के वर्ल्डकप में रविचंद्रन अश्विन को अमित मिश्रा पर तरजीह देते हुए टीम में शामिल किया गया, जबकि उनका साथ देने के लिए हरभजन सिंह पहले ही टीम में मौजूद थे।
इसके बाद 2015 के विश्वकप तक अश्विन ही टीम की पहली पसंद रहे, जबकि इस दौरान कई अन्य जबरदस्त स्पिन गेंदबाज सामने आए, अमित मिश्रा काफी पीछे छूटते चले गए। यही कारण रहा कि मिश्रा आज तक एक भी विश्वकप नहीं खेल सके। उन्होंने अपने छोटे से करियर में 36 वनडे मैच खेले हैं और 64 विकेट हासिल किए हैं।
#2 इरफान पठान
इरफान पठान ने 2000 के दशक में एक जबरदस्त लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। इरफान ने अपने सफल करियर में 120 वनडे मैच खेले और उनमें 173 विकेट चटकाए लेकिन दुर्भाग्य से यह खिलाड़ी एक भी विश्व कप नहीं खेल सका। इरफान पठान ने 2009 में टीम से बाहर होने के बाद 2011 और 2012 में वापसी की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए।
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#1 वीवीएस लक्ष्मण
दुनियाभर में कलाई के जादूगर के नाम से मशहूर वीवीएस लक्ष्मण एक ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने कई मैचों में भारत को अकेले ही जीत दिलाई है। हालांकि उनका टेस्ट करियर वनडे करियर से ज्यादा सफल रहा। लक्ष्मण को उनकी काबिलियत के लिए वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण कहा जाता था। उन्होंने अपने वनडे करियर में 86 मैच खेले हैं और उसमें 30.8 के औसत से 2338 रन बनाए हैं। लक्ष्मण का नाम दुनिया के उन दो क्रिकेटरों में से एक है, जिन्होंने विश्वकप में न खेलने के बाद भी 100 टेस्ट मैच खेले और उनमें काफी सफल रहे।
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