Basit Ali on New Zealand players decline central contract: टी20 फॉर्मेट की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है और इसी वजह से अलग-अलग देश अपने यहां फ्रेंचाइजी क्रिकेट भी शुरू कर चुके हैं। हालांकि, इसकी वजह से नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है और कुछ खिलाड़ी अपने देश का वार्षिक सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी ठुकरा दे रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला न्यूजीलैंड में एक बार फिर देखने को मिला। डेवोन कॉनवे और फिन एलन ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हटने का फैसला लिया है। इसी को लेकर पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी बासित अली ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने टी20 व फ्रेंचाइजी लीग की बढ़ती लोकप्रियता को क्रिकेट के लिए खतरा बताया है।
गुरुवार (15 अगस्त) को न्यूजीलैंड क्रिकेट ने इस बात की पुष्टि करते हुए जानकारी दी कि डेवोन कॉनवे और फिन एलन ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में हिस्सा लेने के दृष्टिकोण से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हटने का फैसला लिया है। कॉनवे को अभी भी खास कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, क्योंकि वह सिर्फ जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवर्स की सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे। वहीं, एलन के पास अब कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर वह चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे।
बासित अली ने खिलाड़ियों के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट छोड़ने पर जताई चिंता
अपने यूट्यूब चैनल पर बासित अली ने कहा कि खिलाड़ियों के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट छोड़ने का मसला सिर्फ न्यूजीलैंड तक ही नहीं सीमित रहेगा, इससे भारत को छोड़कर दूसरे देश भी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा,
"कॉनवे ने कहा है कि वह श्रीलंका सीरीज नहीं खेलेंगे। यह अकेले न्यूजीलैंड का मुद्दा नहीं है। आने वाले समय में अन्य टीमों को भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। पाकिस्तान के खिलाड़ी भी ऐसा ही करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि फ्रेंचाइजी क्रिकेट में इतना पैसा आ चुका है। फ्रेंचाइजी लीग को लेकर फोबिया है। भारत इस मामले में काफी भाग्यशाली है, क्योंकि उनके खिलाड़ी आईपीएल के अलावा अलावा अन्य टी20 टूर्नामेंट नहीं खेलते हैं। टी20 रुकने वाला नहीं है और क्रिकेट, खासकर टेस्ट फॉर्मेट को तबाह कर देगा। तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज, जो लंबी पारी खेलते हैं, यह जहर है। भारत को छोड़कर टी20 क्रिकेट के कारण कई और देशों को नुकसान होगा। पैसा जीतेगा, क्रिकेट हारेगा।"
आपको बता दें कि डेवोन कॉनवे और फिन एलन से पहले न्यूजीलैंड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को केन विलियमसन, ट्रेंट बोल्ट और लोकी फर्ग्यूसन भी ठुकरा चुके हैं। इन सभी ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट को महत्व दिया है।