त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज: इंडिया ए ने वेस्टइंडीज ए को 7 विकेट से हराया
इंग्लैंड में खेले जा रहे त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज के दूसरे मैच में इंडिया ए ने वेस्टइंडीज ए को 7 विकेट से हरा दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ए की टीम 221 रन बनाकर ऑल आउट हो गई, जिसे भारतीय टीम ने मयंक अग्रवाल के बेहतरीन शतक की बदौलत 3 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया।
वेस्टइंडीज और श्रीलंका के बीच किंग्सटन ओवल बारबडोस में खेला जा रहा तीसरा टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। 144 रनों के आसान से लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंकाई टीम ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक 81 रन पर अपने 5 विकेट गंवा दिए हैं। कुसल मेंडिस 25 और दिलरुवान परेरा 1 रन बनाकर क्रीज पर हैं। श्रीलंका को जीत के लिए अभी 63 रनों की जरुरत है जबकि उसके 5 विकेट शेष हैं। अगर कल कैरेबियाई टीम दिन की शुरुआत में जल्दी-जल्दी 2-3 विकेट चटका लेती है तो फिर श्रीलंका के लिए लक्ष्य काफी मुश्किल हो सकता है।
बल्लेबाजी करते हुए मैं सोच रहा था कि अगर इस स्थिति में धोनी होते तो क्या करते: जोस बटलर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5वें एकदिवसीय मैच में नाबाद शतकीय पारी खेलकर अपनी टीम को 1 विकेट से रोमांचक जीत दिलाने विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर ने अपनी पारी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि क्रीज पर मुश्किल परिस्थिति में बल्लेबाजी करते वक्त वो ये महेंद्र सिंह धोनी के बारे में सोच रहे थे कि अगर वो इस स्थिति में होते तो क्या करते। मैच के बाद बटलर ने कहा कि अगर आप क्रीज पर होते हैं तो फिर जीत के लिए प्रयास कर सकते हैं। मैं दबाव झेलने की कोशिश कर रहा था और सोच रहा था कि अगर एम एस धोनी मेरी जगह होते तो वो क्या करते। बटलर ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में धोनी काफी शांत रहते हैं और मैंने भी वही कोशिश की।
टी20 त्रिकोणीय सीरीज के लिए जिम्बाब्वे की टीम का ऐलान, 5 दिग्गज खिलाड़ी बाहर
भारत के पास अब तक का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण है: सचिन तेंदुलकर
भारतीय टीम का इंग्लैंड दौरा शुरु होने से पहले पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने टीम का हौसला बढ़ाने वाला बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत के पास अब तक का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण है। ऐसा गेंदबाजी आक्रमण इससे पहले कभी नहीं था।यो-यो टेस्ट खिलाड़ी के चयन का अंतिम पैमाना नहीं होना चाहिए: कपिल देव
पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने टीम में बने रहने के लिए यो-यो टेस्ट की आलोचना की है। उन्होंने सिर्फ इस टेस्ट को ही मैच खेलने का पैमाना बनाने पर कहा कि यह करना ठीक नहीं है। 1983 में विश्वकप जीतने वाले इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि खिलाड़ी अगर मैच में खेलने के लिए फिट है तो यो-यो टेस्ट की बाध्यता नहीं होनी चाहिए। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत करते हुए कपिल देव ने कहा कि खिलाड़ी अगर मैच में फिट है तो उसके लिए कोई दूसरा पैमाना तय नहीं करके खिलाना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि फुटबॉल के महान खिलाड़ी डियागो माराडोना भी तेज नहीं थे लेकिन जब गेंद उनके पास होती थी तो वे भी तेज हो जाते थे। इस तरह क्रिकेट के मैदान पर भी फिटनेस के लिए खिलाड़ियों के अलग तरीके होते हैं।