बांग्लादेश को हमेशा से ही एक कमजोर टीम के रूप में आंका गया है लेकिन यह टीम अक्सर ही सीरीज के बीच उलटफेर कर सभी को आश्चर्यचकित करती रही है, खासकर विश्वकप जैसी बड़ी प्रतियोगिता में। यही नहीं पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है और कहा जा सकता है कि इस बार के विश्वकप में भी बांग्लादेश सबको चौंका सकती है।
साल 2015 के विश्वकप में इस टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए नॉक-आउट चरण में जगह बनाई थी। इसके बाद 2016 में एशिया कप का फाइनल खेला और फिर चैंपियंस ट्रॉफी में भी क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। इसके बाद 2018 में भी एक बार फिर से बांग्लादेश एशिया कप के फाइनल में पहुंचने में सफल रही।
बांग्लादेश का 2015 के बाद से वनडे क्रिकेट में जीत का प्रतिशत 57 प्रतिशत रहा, जो कि उनकी 34 प्रतिशत की कुल जीत से काफी बेहतर है। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि इस टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में काफी बेहतर हुआ है। वहीं 2019 के विश्वकप में भी बांग्लादेश से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है, जिससे वह सभी को आश्चर्यचकित कर सकती है। इसके ऐसा करने के पीछे कुछ मुख्य कारण भी हैं, आज हम उन्हीं तीन मुख्य कारणों पर नजर डालने जा रहे हैं।
#1 अनुभवी दस्ता
2019 के विश्वकप में शामिल होने वाली बांग्लादेशी क्रिकेट टीम मे ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें अनुभव कूट-कूट कर भरा हुआ है। इस बार की टीम में मशरफे मर्तजा, तमीम इकबाल, शाकिब अल हसन और मुशफिकुर रहीम जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। इन खिलाड़ियों को तीन या उससे ज्यादा विश्वकप खेलने का अनुभव है। जबकि मुर्तजा ने तो चार विश्वकप में भाग लिया है।
ऐसे में विश्वकप जैसे बड़े टूर्नामेंट में इन अनुभवी खिलाड़ियों पर सभी की नजर होगी और इन खिलाड़ियों के बल पर ही बांग्लादेश शानदार प्रदर्शन कर सकता है। अगर उनकी शुरुआत अच्छी रहती है, तो यह टीम टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान कर सकती है।
#2. आलराउंडर बल्लेबाजों की भरमार
इस बार के विश्वकप में बांग्लादेश के पास कई ऐसे बल्लेबाज मौजूद हैं, जो एक बड़ी पारी खेलने में सक्षम हैं और एक अच्छा और लंबा बल्लेबाजी क्रम किसी भी टीम के लिए अच्छा माना जाता है। पिछले कुछ सालों में ऐसा देखा भी गया है कि बल्लेबाजी के दम पर ज्यादातर टीमों ने जीत दर्ज की है।
बांग्लादेश के पास शाकिब अल हसन, महमदुल्लाह रियाद और सौम्य सरकार जैसे जबरदस्त बल्लेबाज मौजूद हैं। यह खिलाड़ी गेंद से भी कमाल करने में सक्षम हैं। इन तीनों आलराउंड खिलाड़ियों के दम पर बांग्लादेशी टीम आठ बल्लेबाजों और तीन गेंदबाज खिलाड़ियों के साथ उतर सकती है। विश्वकप जैसी बड़ी प्रतियोगिता में बांग्लादेश इतने ज्यादा बल्लेबाजों के साथ बेहतरीन प्रदर्शन कर सकता है और अपने सपने को सच कर नया कीर्तिमान रच सकती है।
#3 कीर्तिमान रचने की भूख
बांग्लादेश ने एशिया कप 2016, निदाहास ट्रॉफी 2018 और एशिया कप 2018 के क्रमशः तीन फाइनल मुकाबले भारत के खिलाफ खेले हैं लेकिन जीत नहीं हासिल कर सके। हालांकि 2019 में एक नया कीर्तिमान रचने के इरादे से ही यह टीम मैदान में उतरेगी।
पूर्व के तीनों फाइनल मुकाबलों में बांग्लादेश ने भारत के सामने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन फाइनल खिताब जीतने में असफल रहे। इसके बाद इस देश के खिलाड़ियों में फाइनल जीतने की भूख भी काफी ज्यादा बढ़ गई होगी और वह इसे 2019 के विश्वकप में अंजाम दे सकते हैं। इस टीम के पास मुर्तजा, शाकिब, तमीम और रहीम जैसे खिलाड़ियों का अनुभव होगा, जो कि टीम के विजय रथ को आगे बढ़ाने में काफी मदद कर सकता है।