Can Rishabh Pant Bat in Lord's Test: भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में खेला जा रहा है। इस मैच में टीम इंडिया एक बार फिर टॉस हार गई और इस बार उसे गेंदबाजी पहले गेंदबाजी करनी पड़ रही है। पहले दिन का खेल लगभग बराबरी का रहा और इंग्लैंड ने 4 विकेट के नुकसान पर 251 रन बनाए। हालांकि, भारतीय टीम और फैंस की चिंता उस समय बढ़ गई जब विकेटकीपर ऋषभ पंत चोटिल होकर मैदान से बाहर चले गए। पंत को विकेटकीपिंग के दौरान एक गेंद को पकड़ने के प्रयास में चोट लग गई और फिर वह काफी दर्द में नजर आए। उन्होंने कुछ ट्रीटमेंट लिया लेकिन दर्द कम नहीं हुआ और फिर बाद में उनकी जगह ध्रुव जुरेल विकेटकीपिंग करने आए।
इंग्लैंड की पारी का 34वां ओवर जसप्रीत बुमराह करने आए। इस ओवर की पहली गेंद एंगल के साथ लेग साइड पर गई, जिसे पकड़ने के लिए ऋषभ पंत ने डाइव लगाई लेकिन क्लीन तरीके से गेंद को नहीं पकड़ पाए। इस दौरान उनके बाएं हाथ की इंडेक्स फिंगर की टिप पर गेंद जाकर लग गई, जिससे वह काफी परेशानी में नजर आए। फिजियो द्वारा टेपिंग की गई और स्प्रे भी डाला गया लेकिन पंत का दर्द कम नहीं हुआ फिर ओवर के खत्म होते ही वह मैदान से बाहर चले गए और ध्रुव जुरेल को बतौर सब्स्टीट्यूट आना पड़ा।
लंबे समय तक बाहर रहने पर ऋषभ पंत कर पाएंगे बल्लेबाजी?
ध्रुव जुरेल ने ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपिंग की तो जिम्मेदारी संभाल ली लेकिन उन्हें बल्लेबाजी की इजाजत नहीं होगी। वर्तमान ICC खेल परिस्थितियों की धारा 24.1.2 के अनुसार, "एक सब्स्टीट्यूट गेंदबाजी या बल्लेबाजी नहीं कर सकता और न ही कप्तानी की जिम्मेदारी संभाल सकता है। वह केवल अंपायर्स की सहमति से विकेटकीपर के रूप में जिम्मेदारी संभाल सकता है।" बता दें कि 2017 से, MCC ने वास्तविक चोट या बीमारी के मामलों में सब्स्टीट्यूट विकेटकीपर की अनुमति दी है, बशर्ते कि मैदान पर मौजूद अंपायर इसकी मंजूरी दें।
अब सब के मन में ये भी सवाल है कि जुरेल को बल्लेबाजी की इजाजत नहीं है तो लंबे समय तक बाहर रहने पर ऋषभ पंत को बैटिंग की अनुमति होगी कि नहीं। तो हम आपको बता दें कि पंत चाहे जितने लंबे समय तक बाहर रहें लेकिन उन्हें बल्लेबाजी की परमिशन होगी। अगर वह फिट नहीं हो पाए तो फिर भारत को उनके बिना ही बल्लेबाजी करनी पड़ेगी और किसी अन्य को उनकी जगह बैटिंग की अनुमति नहीं होगी।
फुल इंजरी रिप्लेसमेंट के नियम का ट्रायल इस साल होगा शुरू
आईसीसी इस साल फुल इंजरी रिप्लेसमेंट नियम का ट्रायल अक्टूबर से करने जा रहा है। हालांकि, इसे अभी सिर्फ घरेलू क्रिकेट में ही आजमाया जाएगा। जून में, आईसीसी ने घोषणा की कि वह घरेलू प्रथम श्रेणी के मैचों में फुल इंजरी रिप्लेसमेंट की अनुमति देने के लिए एक परीक्षण आयोजित करेगा। बोर्ड ने इस नियम को समझाते हुए कहा, "एक खिलाड़ी जो खेल के मैदान पर किसी भी समय मैच शुरू होने के बाद (मैच के शुरू होने से पहले वार्म-अप भी शामिल) गंभीर चोट का शिकार होता है, उसे मैच के शेष समय के लिए समान-खिलाड़ी द्वारा रिप्लेस किया जा सकता है।"