गौतम गंभीर ने सुनी हनुमान चालीसा, विराट ने जपा शिव का नाम; दिग्गजों ने गेंदबाजों की धुनाई करने का खोला राज 

Neeraj
Photo Credit: BCCI TV Snapshots
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Gautam Gambhir and Virat Kohli Interview: भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार से बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला खेलने उतरेगी, जो कि चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले बुधवार को बीसीसीआई ने टीम के हेड गौतम गंभीर और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली का एक मजेदार इंटरव्यू का वीडियो शेयर किया। वीडियो में दोनों ने क्रिकेट करियर से जुड़े अहम खुलासे किए।

गौतम गंभीर और विराट कोहली ने बल्लेबाजी से जुड़े बड़े राज का किया जिक्र

इंटरव्यू के दौरान दोनों बताया कि ओम नम: शिवाय और हनुमान चालीसा सुनने से उन्हें कैसे बल्लेबाजी में मदद मिली थी। किंग कोहली ने बताया कि वो 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हर गेंद का सामना करने से पहले ओम नम: शिवाय बोलते थे। वहीं, भारतीय कोच ने बताया कि 2009 में नेपियर में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में ढाई दिनों तक हनुमान चालीसा सुनकर टीम इंडिया की हार को टाला था।

विराट ने कहा, 'कुछ बात भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैचों की, आपके लिए होमग्राउंड पर बनाया गया दोहरा शतक काफी अहम होगा, मैं यहां कोहनी मारने वाली बात नहीं करूंगा, क्योंकि मुझे पता है क्या हुआ होगा। अपने खुद को कैसे ग्राउंडेड रखा था?'

इस पर गंभीर ने कहा, 'अच्छा सवाल है, मैं बात करूंगा तुम्हारे ऑस्ट्रेलिया दौरे की, उस दौरे पर तुमने काफी रन बनाए थे। तुमने मुझे बताया कि उस दौरान तुम हर गेंद से पहले ओम नम: शिवाय जप रहे थे और ये मेरा लिए नेपियर पारी जैसा है। उस टेस्ट मैच में मैंने ढाई दिन हनुमान चालीसा सुनी थी। तुम उस जोन में जाने के लिए ओम नम: शिवाय का जाप करते थे और मुझे हनुमान चालीसा सुनने से मदद मिली।

गंभीर ने आगे बताया कि मुझे याद है कि जब मैं नेपियर में पांचवें दिन बल्लेबाजी कर रहा था, तब लक्ष्मण ने मुझसे पहले सत्र के बाद कहा था कि क्या तुम्हें एहसास है कि तुमने पिछले दो घंटों में एक शब्द भी नहीं बोला है, यहां तक कि ओवरों के बीच भी नहीं। मुझे एहसास हुआ कि मैंने एक शब्द भी नहीं बोला। ओवरों के बीच में मैंने बस सिर हिलाया और खेला और जब मैं वापस आया, तो मैंने हनुमान चालीसा लगाई और उसे सुना। उन ढाई दिनों के लिए, यह पूरी तरह से अलग-थलग था। मुझे यकीन है कि आपने मुझसे ज्यादा बार इसका अनुभव किया होगा। जब तक आप उस जाने में नहीं होते, तब तक आप यह नहीं समझ पाएंगे कि यह कैसा लगता है।

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Edited by Neeraj
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