Will ICC ban Virat Kohli for shouldeing Sam Konstas: टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली को आक्रामक स्वाभाव के लिए जाना जाता है और वह मैदान पर कई बार विपक्षी खिलाड़ियों की आंख से आंख मिलाते नजर आए हैं। इसकी वजह से कई बार गर्मागर्मी वाला माहौल भी देखने को मिला है। हालांकि, बीते कुछ सालों में कोहली ने अपने स्वाभाव में काफी बदलाव किया और अब मैदान पर जल्दी किसी से उलझते नहीं देखे जाते लेकिन मेलबर्न टेस्ट में उन्होंने अपने आप पर नियंत्रण खो दिया और ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज सैम कोंस्टास को कंधा मार दिया। इसके बाद से ही उनकी लगातार आलोचना हो रही है और सोशल मीडिया पर एक वर्ग आईसीसी से कोहली पर बैन लगाने की भी मांग कर रहा है। इसको लेकर क्या नियम है, पूरी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में देंगे।
विराट कोहली और सैम कोंस्टास के बीच क्या हुआ?
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की पारी का 10वां ओवर मोहम्मद सिराज ने किया और अंतिम गेंद पर एक रन आया। इसके बाद, छोर बदलने के लिए कोंस्टास दूसरी तरफ जा रहे थे तभी सामने से विराट कोहली आए और उन्होंने इस युवा खिलाड़ी के कंधा मारा। जवाब में कोंस्टास ने कोहली से कुछ कहा, जिस पर भारतीय खिलाड़ी मुड़कर उनके पास गया और कुछ बातचीत करते नजर आए। इन दोनों के बीच बातचीत ज्यादा आगे बढ़ती, उससे पहले ही उस्मान ख्वाजा और मैदानी अंपायर माइकल गफ ने मामले को शांत करा दिया। हालांकि, अब कोहली की इस हरकत का आईसीसी रिव्यु करने वाली है और इसी वजह से उनके ऊपर बैन का खतरा भी मंडरा रहा है।
विराट कोहली और सैम कोंस्टास के बीच हुई घटना का आईसीसी करेगी रिव्यु
cricket.com.au के मुताबिक, इन दोनों खिलाड़ियों के बीच जो कुछ भी अब उसका रिव्यु आईसीसी के अधिकारी करेंगे। इस मैच में रेफरी की भूमिका में एंडी पाइक्राफ्ट हैं और वह मामले को देखंगे। बता दें कि इस तरह की घटना को लेकर आईसीसी का नियम कहता है कि क्रिकेट में किसी भी प्रकार का अनुचित शारीरिक संपर्क निषिद्ध है। बिना किसी सीमा के, खिलाड़ी इस विनियमन का उल्लंघन करेंगे यदि वे जानबूझकर, लापरवाही से और/या लापरवाही से चलते हैं या दौड़ते हैं या किसी अन्य खिलाड़ी या अंपायर को कंधा मारते हैं।
यदि पाइक्रॉफ्ट कोहली और कोंस्टास की घटना को किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ लेवल 2 का अपराध मानते हैं, तो उस खिलाड़ी को तीन या चार डिमेरिट अंक प्राप्त होंगे। सिडनी में होने वाले टेस्ट मैच के लिए बैन होंगे को चार अंक पर्याप्त होंगे। वहीं अगर इसे लेवल 1 का अपराध माना गया तो संभवतः मैच फीस का जुर्माना लगाया जा सकता है।