मोहाली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। हालांकि भारतीय टीम को 358 रन बनाने के बावजूद 47.5 ओवरों में ही करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारत के लिए शिखर धवन ने बेहतरीन शतकीय पारी खेली, तो रोहित शर्मा अपने शतक से चूके।
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया ने पीटर हैंड्सकॉम्ब के शतक, उस्मान ख्वाजा और एश्टन टर्नर की शानदार अर्धशतकीय पारी की बदौलत इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया। अब 5 मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर हैं और सीरीज का फैसला दिल्ली में 13 फरवरी को होगा।
आइए नजर डालते हैं चौथे वनडे में भारत की हार के अहम कारणों पर डालते हैं:
#5 टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला करना
भारत के कप्तान विराट कोहली ने चौथे वनडे में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और यह फैसला काफी हैरान कर देने वाला था। खासकर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि मोहाली में खेले गए पिछले 6 में से 5 मुकाबले दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीम में जीते हैं।
भले ही मेजबान टीम ने 358-9 का स्कोर बनाया, लेकिन फिर भी दूसरी पारी में मैदान में काफी ड्यू थी, जिससे भारतीय गेंदबाजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा जिस तरह की शुरूआत भारत को मिली थी, अंतिम ओवरों में भारत इस स्कोर को ज्यादा आगे नहीं ले जाए पाए। भारत के पास भी बड़े हिटर होते, तो शायद मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था।
Hindi Cricket News सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज़ स्पोर्ट्सकीड़ा पर पाएं
#4 अंतिम ओवरों में भारतीय टीम की गेंदबाजी
हाल के समय में ऐसा बहुत कम देखने को मिला है, जब भारत को गेंदबाजों के प्रदर्शन के कारण हार का सामना करना पड़ा। हालांकि मोहाली में भारत की शिकस्त का कारण टीम की गेंदबाजी ही बनी।
40 ओवर के बाद ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 261-4 था और उन्हें जीतने के लिए 98 रन चाहिए थे और ऑस्ट्रिलिया ने इस मैच को 14 गेंद शेष रहते ही जीत लिया था। भुवनेश्वर कुमार (9 ओवर में 67 रन), जसप्रीत बुमराह (8.5 ओवर में 63 रन) और युजवेंद्र चहल (10 ओवर में 80 रन) काफी महंगे साबित हुए और वो बल्लेबाजों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहे। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने इसका फायदा पूरी तरह से उठाया।
#3) एश्टन टर्नर की तूफानी बल्लेबाजी
अपना दूसरा ही मुकाबला खेल रहे एश्टन टर्नर ने इस मैच में बड़ा अंतर पैदा किया। टर्नर जब बल्लेबाजी करने आए, तो ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 229-4 था और उस समय टीम ने ग्लेन मैक्सवेल का विकेट गंवाया था। इसी वजह से ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि टर्नर ने पहले कुलदीप यादव के ऊपर आक्रमण किया और उसके बाद अंतिम ओवरों में चहल, बुमराह और भुवनेश्वर कुमार के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी कर टीम को जीत दिलाई। टर्नर ने नाबाद रहते हुए 43 गेंदों में 84 रन बनाए। इसमें 6 छक्के और 5 चौके शामिल थे। इसी वजह से उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
#2 खराब फील्डिंग
इस मैच में भारतीय टीम की फील्डिंग काफी खराब रही और उन्होंने काफी निराश किया। भले ही मोहाली में दूसरी पारी में काफी औस थी, लेकिन फिर भी जिस तरह के कैच फील्डर ने छोड़े हैं उससे निश्चित ही मैच के फैसले पर फर्क पड़ा।
इसके अलावा महेंद्र सिंह धोनी की जगह विकेटकीपिंग संभालने वाले ऋषभ पंत के लिए विकेट के पीछे दिन इतना अच्छा नहीं रहा। उन्होंने एक-दो स्टंपिंग छोड़ी और एक का नतीजा भारत ने हार के चुकाया। भारत को कीपर के तौर पर धोनी की कमी खली ही और साथ में जिस तरह से धोनी गेंदबाजों से बात करते हैं। इस मैच में उस मोर्चे पर भी टीम को कमी खली।
#1) थर्ड अंपायर का विवादित फैसला
मैच के 44 ओवर की चौथी गेंद पर ऐसा पल आया था, अगर वो फैसला भारत के पक्ष में जाता तो इस मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। दरअसल युजवेंद्र चहल की गेंद पर टर्नर स्ट्राइक पर थे और ऋषभ पंत ने कैच और स्टंपिंग के लिए अपील की, जिसे अंपायर ने वाइड देते हुए नॉटआउट करार दिया।
इसके बाद पंत के विश्वास को देखते हुए रिव्यू लिया और रिप्ले में साफ तौर पर देखा जा सकता था कि टर्नर आउट थे। हालांकि थर्ड अंपायर ने भी इसे नॉटआउट ही दिया। इसके बाद टर्नर ने कोई मौका नहीं दिया और आने वाले ओवरों में तूफानी बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई। मैच के बाद कोहली ने भी डीआरएस फैसले को लेकर हैरानी जताई और कहा कि हर मैच में यह चर्चा का विषय बनता जा रहा है। निश्चित ही वो फैसला भारत के पक्ष में जाता, तो इस मैच में भारत की जीत हो सकती थी।