इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन के लिए नीलामी 18 दिसंबर को जयपुर में संपन्न हुई। इस नीलामी में कई अनजाने खिलाड़ियों को जहां भारी-भरकम रकम मिली, वहीं कई दिग्गज खिलाड़ियों के लिए कोई खरीददार ही नहीं मिला। ब्रेंडन मैकलम, जेसन होल्डर और ल्यूक रॉन्ची जैसे खिलाड़ियों के लिए किसी भी फ्रेंचाइजी ने बोली नहीं लगाई।
कुछ ऐसा ही पहले राउंड की नीलामी में युवराज सिंह के साथ हुआ, जहां किसी भी टीम ने उनको नहीं खरीदा लेकिन दूसरे राउंड में मुंबई इंडियंस ने उनको उनकी बेस प्राइस में खरीद लिया। अब 12वें सीजन में युवराज मुंबई इंडियंस की जर्सी में दिखाई देंगे। युवराज को खरीदने के बाद मुंबई इंडियंस के कोच और टीम मालिक ने खुशी जताई है, वहीं युवराज सिंह ने भी कहा है कि वो टीम से जुड़ने को लेकर उत्साहित हैं।
आइए जानते हैं क्यों युवराज सिंह को खरीदकर मुंबई इंडियंस ने बेहतर काम किया।
मध्यक्रम के भरोसेमंद बल्लेबाज:
युवराज सिंह के आ जाने से मुंबई इडियंस का मध्यक्रम मजबूत हो गया है। अभी तक कप्तान रोहित शर्मा के ऊपर अकेले ये जिम्मेदारी थी कि वो बाकी बल्लेबाजों के साथ पारी को आगे बढ़ाएं लेकिन युवराज के आने से उनके ऊपर से ये भार हल्का हो जाएगा। भारतीय टीम के लिए भी युवराज सिंह मध्यक्रम में खेलते हुए कई मैच जिता चुके हैं और मुंबई इंडियंस के लिए भी वो ये रोल आसानी से निभा सकते हैं।
रोहित शर्मा सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेल सकते हैं
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अभी तक मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा अपनी टीम के लिए मध्यक्रम में खेलते आए हैं। वहां पर उनके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी होती है लेकिन युवराज सिंह के आ जाने से अब वो पारी की शुरुआत भी कर सकते हैं। इसकी बड़ी वजह ये है कि युवराज के पास मिडिल ऑर्डर में खेलने का काफी अनुभव है और वो क्रीज पर टिकने के अलावा अंतिम के ओवरों में बड़े-बड़े शॉट भी लगा सकते हैं।
रोहित शर्मा भारतीय टीम के लिए ओपनिंग करते हैं लेकिन आईपीएल में अपनी फ्रेंचाइजी के लिए उन्हें मध्यक्रम में आना पड़ता है। अगर रोहित शर्मा पारी की शुरुआत करते हैं तो वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं कि एक बार जमने के बाद लंबी-लंबी पारियां खेल सकते हैं। ऐसा उन्होंने भारतीय टीम के लिए करके दिखाया है। इससे मुंबई इंडियंस को काफी फायदा होगा।
हालांकि पिछले सीजन में एविन लेविस और सूर्यकुमार यादव ने सलामी जोड़ी के तौर पर शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन रोहित शर्मा कहीं ज्यादा बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। उसके बाद इशान किशन, युवराज सिंह, किरोन पोलार्ड और हार्दिक पांड्या पारी को आगे ले जा सकते हैं।
पार्ट टाइम गेंदबाज
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भारतीय टीम ने जब 2011 का विश्व कप जीता था तो युवराज सिंह उसमें मैन ऑफ द् टूर्नामेंट थे। ना केवल बल्ले बल्कि गेंद से भी उन्होंने कमाल का प्रदर्शन कर भारतीय टीम को विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 9 मैचों में 90.50 की बेहतरीन औसत के साथ 362 रन बनाए थे और 4 बार नाबाद रहे थे। इसके अलावा गेंदबाजी में भी युवराज ने 9 मैचों में 15 विकेट चटकाए। इस दौरान उन्होंने एक मैच में 5 विकेट भी लिए थे।
हाल ही में रणजी ट्रॉफी के एक मैच में भी उन्होंने 2 लगातार विकेट चटकाए। जिसे देखकर लगता है कि युवराज सिंह ना केवल बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में भी टीम के लिए एक तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। कप्तान रोहित शर्मा जरुरत पड़ने पर उनसे 1 या 2 ओवर गेंदबाजी भी करवा सकते हैं और वो विकेट निकालकर दे सकते हैं।
युवराज सिंह काफी समय से टी20 क्रिकेट खेल रहे हैं और उन्हें अच्छी तरह से पता है कि यहां पर गेंदबाजी के लिए क्या विविधताएं होनी चाहिए। कुल मिलाकर देखा जाए तो वो मुंबई के लिए एक बेहतरीन ऑलराउंडर भी साबित हो सकते हैं।
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