आईसीसी वर्ल्ड कप में खेलना हर क्रिकेटर का ख़्वाब होता है, इस टूर्नामेंट में शिरकत करना किसी उपलब्धि से कम नहीं है। जो खिलाड़ी वर्ल्ड कप में अपनी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाते, उन्हें ज़िंदगी भर इस बात का मलाल रहता है। कुछ खिलाड़ी इतने ख़ुशनसीब होते हैं जो अपने देश के लिए कई वर्ल्ड कप में हिस्सा लेते हैं। पाकिस्तान के जावेद मियांदाद पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने कुल 6 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है। उन्होंने साल 1975 से लेकर साल 1996 तक सभी वर्ल्ड कप खेला है।
इस मामले में जावेद मियांदाद की बराबरी सिर्फ़ एक ही खिलाड़ी कर पाया है, और वो हैं भारत के सचिन तेंदुलकर। सचिन ने साल 1992 से लेकर साल 2011 तक सभी वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है। अपने आख़िरी वर्ल्ड कप में सचिन को चैंपियन बनने की ख़ुशनसीबी हासिल हुई थी। वहीं जावेद मियांदाद को अपने 5वें वर्ल्ड कप में चैंपियन बनने का मौका मिला था। साल 1992 में इमरान ख़ान की कप्तानी में पाक टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था।
17 क्रिकेटर ऐसे हैं जिन्होंने कुल 5 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया था। इनमें डेनियल वेटोरी का नाम भी शामिल है, लेकिन वेटोरी 1999 वर्ल्ड कप में कीवी टीम का हिस्सा रहते हुए एक भी मैच नहीं खेल पाए थे, कई मैच में वो अतिरिक्त खिलाड़ी बने थे। इसके अलावा कुछ ऐसे भी अनोखे क्रिकेटर हैं जिन्होंने 2 अलग-अलग टीम की तरफ़ से विश्व कप में हिस्सा लिया है। हम यहां ऐसे 4 खिलाड़ियों की चर्चा कर रहे हैं, जिन्होंने 2 देशों के लिए आईसीसी वर्ल्ड कप खेला है।
*नोट- ये सभी आंकड़े आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 तक के हैं।
#1 केप्लर वेसल्स - 1983 (ऑस्ट्रेलिया), 1992 (दक्षिण अफ़्रीका)
केप्लर वेसल्स क्रिकेट इतिहास के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2 अलग-अलग देशों की तरफ़ से वर्ल्ड कप में शिरकत की है। केप्लर का जन्म दक्षिण अफ़्रीका के ब्लोमफ़ोंटेन में हुआ था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से साल 1983 का क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला था। इसके ठीक 9 साल बाद उन्होंने 1992 के वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ़्रीका की कप्तानी की थी और अपनी टीम को सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाया था।
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#2 एंडरसन कमिंस - 1992 (वेस्टइंडीज़), 2007 (कनाडा)
एंडरसन कमिंस का जन्म बारबाडोस में हुआ था। वो साल 1992 के वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज़ टीम के लिए चुने गए थे। उन्होंने कैरिबियाई टीम के लिए 5 टेस्ट मैच खेले हैं, हांलाकि वो अपने वनडे करियर में ज़्यादा कामयाब रहे हैं। उन्होंने साल 1991 से लेकर साल 1995 तक वेस्टइंडीज़ के लिए कुल 63 वनडे मैच खेले हैं। वो साल 1992 के वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज़ टीम का हिस्सा थे। इस टूर्नामेंट में उन्हें 6 मैच खेलने का मौका मिला था।
साल 1996 के बाद कमिंस कनाडा चले गए और टोरेंटो की स्थानीय टीम के लिए क्रिकेट खेलने लगे। जनवरी 2007 में कीनिया और स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ ट्राई सीरीज़ के लिए वो कनाडा टीम में चुने गए। उस वक़्त कमिंस की उम्र 40 साल की थी। इसके बाद आईसीसी वर्ल्ड कप 2007 के लिए वो कनाडा की टीम में शामिल किए गए। और इसके साथ ही वो क्रिकेट इतिहास के दूसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए जिन्होंने 2 अलग-अलग देशों के साथ क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला हो।
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#3 एड जॉयस - 2007 (इंग्लैंड), 2011 और 2015 (आयरलैंड)
बल्लेबाज़ एड जॉयस का जन्म आयरलैंड की राजधानी डब्लिन में हुआ था। हांलाकि उन्होंने अपना पहला वर्ल्ड कप अपनी जन्मभूमि की तरफ़ से नहीं खेला था। वो साल 2006-07 में इंग्लैंड टीम की तरफ़ से एशेज़ सीरीज़ का हिस्सा थे। जॉयस साल 2007 के आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए इंग्लिश क्रिकेट टीम में शामिल किए गए थे। इस दौरान उन्होंने कनाडा और कीनिया के ख़िलाफ़ अर्धशतक भी लगाया था।
साल 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप में जॉयस आयरलैंड टीम में चुने गए थे। आईसीसी नियम के मुताबिक समान्य हालात में किसी भी क्रिकेटर को एक देश को छोड़कर दूसरे देश के लिए खेलने के लिए कम से कम 4 साल का वक़्त चाहिए। लेकिन आईसीसी ने जॉयस को आयरिश टीम की तरफ़ से 2011 का वर्ल्ड खेलने की इजाज़त दे दी थी। साल 2015 के वर्ल्ड कप में भी वो आयरिश टीम की का हिस्सा बने थे।
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#4 इयोन मॉर्गन - 2007 (आयरलैंड), 2011 और 2015 (इंग्लैंड)
एड जॉयस की तरह इयोन मॉर्गन का भी जन्म आयरलैंड की राजधानी डब्लिन में हुआ था। उन्होंने अपना पहला वर्ल्ड कप साल 2007 में आयरिश टीम के लिए खेला था। साल 2011 के वर्ल्ड कप के लिए मॉर्गन शुरू में इंग्लैंड की टीम में नहीं चुने गए थे, लेकिन चोटिल केविन पीटरसन की जगह वो इंग्लिश क्रिकेट टीम में शामिल किए गए थे। 11 मार्च 2011 को वो चौथे ऐसे क्रिकेटर बन गए जिन्होंने 2 देशों के लिए वर्ल्ड कप खेला हो।
साल 2015 की आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए वो इंग्लैंड टीम के कप्तान बनाए गए थे, इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड टीम का प्रदर्शन काफ़ी बुरा रहा। इयोन मॉर्गन की कप्तानी में अंग्रेज़ी टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी। वर्ल्ड कप 2019 के लिए भी इयोन मॉर्गन को इंग्लैड की टीम का कप्तान बनाया गया है। इस तरह वो 2 अलग-अलग देशों की तरफ़ से कुल 4 वर्ल्ड कप खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन जाएंगे।