इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया (ENG vs AUS) के बीच खेले जा रहे एशेज (Ashes 2023) में सीरीज के अंत तक भी विवादों ने इस श्रृंखला से अपना दामन नहीं छोड़ा है। लॉर्ड्स में खेले दूसरे टेस्ट में जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) के विवादास्पद स्टंपिंग को लेकर पहले ही बहुत बड़ा बवाल उठा था, और इस मसले पर जानकार दो धड़ों में बट गए थे। तीसरा और चौथा टेस्ट खत्म होते–होते ये विवाद थोड़ा ठंडा पड़ा ही था कि सीरीज के आखिर टेस्ट में एक और बड़े विवाद ने जन्म ले लिया।
दरअसल, हुआ ये कि इस मैच में कंगारुओं की पहली पारी के 78वें ओवर में दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ एक रनआउट विवाद में घिर गए। स्मिथ जब दूसरा रन पूरा करने के लिए भागे तो, सब्स्टीट्यूट फील्डर एल्हाम ने स्ट्राइकर छोर पर गेंद फेंकी और इंग्लैंड विकेटकीपर जॉनी बेयरस्टो ने गेंद को पकड़ कर स्टंप्स उड़ा दी। अंपायर ने फैसले को थर्ड अंपायर के पास भेजा। और रिप्ले देख कर साफ लग रहा था कि स्मिथ स्टंप उड़ाए जाने तक अपनी क्रीज से बाहर हैं। मगर यहां पर थर्ड अंपायर नितिन मेनन भूमिका में आए और उन्होंने स्मिथ को नॉट आउट करार देकर सभी को हैरानी में डाल दिया।
मेनन ने 4–5 एंगल से बार–बार स्लो मोशन में रिप्ले को देखने की कोशिश की, और पाया कि बेयरस्टो ने गेंद को पूरी तरह हाथ में पकड़े बिना ही एक बेल्स को पहले ही उड़ा दिया था, जिसके कारण मेनन ने स्मिथ को जीवनदान दे दिया। मेनन के इस निर्णय पर कई सवाल उठ रहे हैं और जानकर उनके इस विवादास्पद निर्णय को गलत ठहरा रहे हैं। मगर इसी बीच एमसीसी ने मेनन का बचाव करते हुए इस निर्णय से जुड़े सवालों के जवाब दे दिए।
एमसीसी ने समझाया नियम
इस निर्णय पर बढ़ते विवाद को देखते हुए एमसीसी ने हस्तक्षेप किया है, और इस निर्णय से जुड़े नियम को समझाया है और कहा है,
हमारे पास इस निर्णय को लेकर कुछ सवाल आएं हैं, तो हम बताना चाहते है कि लॉ 29.1 ये कहता है कि जब तक स्टंप्स से बेल्स पूरी तरह नीचे नहीं गिर जाती या एक स्टंप अपनी जगह से उखड़ नहीं जाता तब तक प्लेयर को आउट नहीं दिखा जा सकता।