R Ashwin slammed Gautam Gambhir & Shubman Gill: ओवल में खेले जा रहे एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पांचवें दिन का मुकाबला पूरी तरह खुला है। इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए, जबकि भारत को मात्र 4 विकेट की दरकार है। हैरी ब्रूक और जो रूट ने शानदार शतकीय पारी खेल इंग्लैंड की जीत का राह आसान कर दी है। जीत के लिए 374 रनों का टारगेट मिलने के बाद मैच में कभी भारत का पलड़ा भारी दिखा तो कभी इंग्लैंड का। टेस्ट का चौथे दिन भी कुछ इसी तरह का रहा।भारतीय टीम ने आखिरी सेशन में वापसी की पर तबतक ब्रूक और रूट अपना काम कर चुके थे। पूर्व स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अंतिम टेस्ट में टीम इंडिया की रणनीति से खासे नाखुश नजर आए हैं। उन्होंने भारत की खेल की समझ की कमी को उजागर किया है। उनका मानना है कि मेहमान टीम की रणनीतिक सोच इस मैच में कमजोर रही है।ब्रूक और रूट की 195 रन की साझेदारी के दौरान भारत की रणनीति से अश्विन बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं दिखे। उनका मानना है कि मेहमान टीम को रन फ्लो रोकने के लिए वाशिंगटन सुंदर को पहले ही गेंदबाज़ी में लाना चाहिए था। अपने यूट्यूब चैनल 'Ash Ki Baat' पर अश्विन ने कहा,"स्पिनर्स को इस्तेमाल न करने की बात पर लौटूं तो मुझे इस सीरीज़ में बार-बार ऐसा लगा है कि हमारी गेम अवेयरनेस की कमी रही है। साथ ही कई मायनों में, हमारी रणनीतिक समझ चाहे मैदान के अंदर हो या बाहर, कमजोर साबित हुई है। यही सबसे बड़ा कारण है कि इंग्लैंड इस सीरीज़ में आगे है और भारत पीछे। हम इस सीरीज़ में सबसे तेज़ और चतुर टीम नहीं रहे। मुझे लगता है कि शुभमन गिल कप्तान के तौर पर समय के साथ और बेहतर होंगे और सीखेंगे। लेकिन कभी-कभी जब आपको लगता है कि आप स्पिन को बहुत अच्छे से खेल सकते हैं, तो आप गेंदबाज़ी में स्पिनर्स को लाना टालते हैं। और जब आप ऐसे हालातों में स्पिनर्स को लाने का सही समय चूक जाते हैं, तो स्पिनर एक रक्षात्मक विकल्प बनकर रह जाता है।”सुंदर को लाकर रन फ्लो को कंट्रोल कर सकता था भारतसुंदर के बारे में बात करते हुए अश्विन ने आगे कहा कि अगर उनको जल्दी आक्रमण में लाया जाता, तो भारत कुछ हद तक रन फ्लो पर नियंत्रण पा सकता था। अश्विन ने कहा,"जब हैरी ब्रूक ने तेजी से रन बनाना शुरू किया, तब वो 20 रन पर थे। तभी स्पिनर को लाया जा सकता था ताकि रन फ्लो को रोका जा सके। दूसरे छोर से एक तेज़ गेंदबाज़ गेंदबाज़ी करता रहता। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, वाशिंगटन सुंदर को पहले ही अटैक पर लाना चाहिए था। इस तरह की गलतियां करना एक बहुत बड़ा गैप है। हमें नहीं पता कि बाहर से मैदान के अंदर कोई संदेश जा रहा है या नहीं। हमें यह भी नहीं मालूम कि ड्रेसिंग रूम में क्या बातचीत हो रही है। लेकिन आज के ज़माने में ऐसी गलतियों से आसानी से बचा जा सकता है।”