भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पिछले कुछ सालों से डिसीजन रिव्यु सिस्टम का विरोध किया है लेकिन हाल ही में बीसीसीआई ने आईसीसी के नियमों के अनुसार डीआरएस का समर्थन किया और भारत के सभी मैचों में अनिवार्य करने की अनुमति दी थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ ही बीसीसीआई ने घरेलू टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग में भी इस सिस्टम को लागू करने पर विचार किया है। बीसीसीआई डीआरएस नियम को आईपीएल 2018 में लागू कर सकती है। एक निजी अख़बार की रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में बीसीसीआई ने भारत के टॉप दस अंपायरों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन विशाखापट्टनम में किया। इस वर्कशॉप के बाद बीसीसीआई के एक अधिकारी ने निजी अख़बार से डीआरएस को लेकर कहा कि यह पहली बार हुआ है कि डीआरएस को लेकर बीसीसीआई के अंपायरों ने वर्कशॉप में हिस्सा लिया है। यह तकनीक भविष्य में अंपायर के फैसले पर एक अहम किरदार निभाती नजर आएगी। इसलिए डीआरएस की ज्यादा मांग होने के कारण इस नियम को हम आईपीएल में ला सकते है, लेकिन इसको लेकर अभी किसी प्रकार का औपचारिक फैसला नहीं किया गया है। इसे भी पढ़ें: जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में आईपीएल मैचों को लेकर संशय पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डीआरएस नियम का इस्तेमाल न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान के बीच साल 2009 के टेस्ट में किया गया था। इसके बाद आईसीसी के टूर्नामेंट में पहली बार 2011 विश्वकप में इस नियम को लागु किया गया था और साथ ही 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में भी इस नियम का प्रयोग किया गया था। इसके बाद बीसीसीआई ने इस नियम को लेकर निजी तौर पर सवाल खड़े किये, जिसमें बॉल ट्रैकिंग को लेकर बोर्ड ने अपनी नाराजगी जताई थी। बीसीसीआई द्वारा डीआरएस की इस वर्कशॉप के हेड आईसीसी के अंपायरों के कोच डेनिस बर्न्स रहे और उनका साथ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ख़िलाड़ी और अंपायर पॉल रायफल ने दिया। दोनों अनुभवी अंपायरों ने डीआरएस के नियमों की जानकारी को बारीकियों से बीसीसीआई के अंपायरों को समझाया और अपना अनुभव साझा किया। बीसीसीआई डीआरएस नियम को आईपीएल में लागू करने पर विचार कर रही है और आगामी आईपीएल में डीआरएस नियम को हम देख सकते हैं।