पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के विवादित "कोड वर्ड" स्ट्रैटजी की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि अगर डगआउट में बैठकर फैसले लिए जाएंगे तो इस तरह से कोई भी कप्तान बन सकता है।
कोलकाता नाइट राइडर्स के एनालिस्ट नाथन लीमन ने पंजाब किंग्स की बैटिंग के दौरान एक प्लेकार्ड दिखाया था। इस प्लेकार्ड में "54" लिखा हुआ था और इसको लेकर काफी विवाद देखने को मिला। कमेंटेटर्स और फैंस ने इस कोड को डिकोड करने की काफी कोशिश की लेकिन कोई इसका हल नहीं निकाल सका।
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वीरेंदर सहवाग ने केकेआर के "कोड वर्ड" को लेकर दी प्रतिक्रिया
क्रिकबज्ज पर बातचीत के दौरान वीरेंदर सहवाग ने कहा कि बैकरुम स्टाफ से मदद लेना गलत नहीं है लेकिन इससे कप्तानी की अहमियत कम हो जाती है। उन्होंने कहा,
हमने इस तरह के कोड लैंग्वेज केवल आर्मी में ही देखे हैं। मेरे हिसाब से "54" उनके प्लान का कोई नाम था जिसके तहत वो शायद उस समय किसी खास गेंदबाज से गेंदबाजी कराना चाह रहे हों। डगआउट से मैनेजमेंट और कोच ये थोड़ी मदद कप्तान की करना चाहते हैं। इसमें ज्यादा कोई बहस की बात नहीं है। लेकिन अगर डग आउट से ही फैसले लिए जाएंगे तो फिर कोई भी कप्तान बन सकता है। इयोन मोर्गन जिस चीज के लिए जाने जाते हैं और जिसके दम पर उन्होंने वर्ल्ड कप का खिताब जीता है उसका रोल काफी कम रह गया है।
वीरेंदर सहवाग के मुताबिक इस कोड के जरिए शायद ये बताया जा रहा था कि गेंदबाजी में क्या बदलाव करने हैं। उनके मुताबिक कप्तान को बाहर से मदद लेनी चाहिए लेकिन उसका दिमाग खुद काम करना चाहिए कि उस समय क्या करना है।
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