भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व खिलाड़ी लालचंद राजपूत (Lalchand Rajput) ने अफगानिस्तान टीम (Afghanistan Cricket Team) की कोचिंग को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। लालचंद राजपूत के मुताबिक जब उन्होंने अफगानिस्तान का कोच बनना स्वीकार किया था तब कई लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था।
क्रिकेटनेक्स्ट पर जी विश्वनाथ के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान लालचंद राजपूत ने अफगानिस्तान टीम की कोचिंग को लेकर बयान दिया।
उन्होंने कहा "अफगानिस्तान में काम करना काफी अच्छा रहा क्योंकि ज्यादातर प्लेयर्स को हिंदी आती थी, इसलिए उन्हें समझाने में आसानी होती थी। चुंकि ये वॉर जोन कंट्री है और इसी वजह से प्लेयर्स काफी कड़ी मेहनत अपने गेम पर करते थे। जब खिलाड़ी ऐसा करते हैं तो एक कोच के तौर पर आपको इस तरह के प्लेयर्स के साथ काम करने में मजा आता है। एक टीम के तौर पर भी हमें काफी सफलता मिली और टेस्ट टीम का दर्जा प्राप्त हुआ।"
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मैंने अफगानिस्तान की कोचिंग एक चैलेंज की तरह ली थी - लालचंद राजपूत
लालचंद राजपूत के मुताबिक जब उन्होंने अफगानिस्तान का कोच बनने का फैसला किया था तो लोगों ने उनकी हंसी उड़ाई थी।
उन्होंने आगे कहा "जब मैंने अफगानिस्तान का ऑफर स्वीकार किया था तो कई लोग मुझ पर हंसे थे। लेकिन मैंने इसे एक चैलेंज के तौर पर देखा और अफगानिस्तान के साथ अपने कार्यकाल का पूरा लुत्फ उठाया। मैंने काफी कड़ी मेहनत की क्योंकि मैं ये साबित करना चाहता था कि अफगानिस्तान वर्ल्ड क्रिकेट की बेहतरीन टीमों में शुमार हो सकती है। टेस्ट टीम का दर्जा हासिल करके हमने ऐसा करके भी दिखाया। इसके अलावा राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब जादरान जैसे प्लेयर्स को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान मिली है।"
आपको बता दें कि लालचंद राजपूत 2016 में अफगानिस्तान टीम के कोच थे। उन्होंने एक साल से ज्यादा वक्त तक टीम की कोचिंग की थी। इस वक्त वो जिम्बाब्वे के हेड कोच हैं। 2007 में जब इंडियन टीम ने टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था तब लालचंद राजपूत भारतीय टीम के मैनेजर थे।
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