कल लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप के इतिहास का सबसे बेहतरीन मैच खेला गया, जहां मेजबान इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता।
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हेनरी निकोल्स के अर्धशतक की मदद से न्यूजीलैंड ने 50 ओवरों में 242 रन का लक्ष्य इंग्लैंड के सामने रखा।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही और उनके प्रमुख बल्लेबाज जेसन रॉय सस्ते में आउट हो गए इसके बाद जोए रूट, जॉनी बेयरस्टो और मॉर्गन भी चलते बने।
हालांकि उसके बाद बेन स्टोक्स और बटलर दोनों ने 110 रनों की शानदार साझेदारी कर के इंग्लैंड की मैच में वापसी करवाई।
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अंत में मैच टाई रहा तथा इसकेा निर्णय करने के लिए सुपर ओवर खेला गया लेकिन रोचक बात यह रही कि सुपर ओवर भी टाई रहा और मैच का निर्णय दोनों टीमों में से जिसने ज्यादा बाउंड्री लगाई होंगी, इस आधार पर किया गया। इसमें इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड से बाजी मार ली और 48 साल बाद विश्व कप का खिताब अपने नाम किया।
आइए नजर डालते हैं उन कारणों पर जिसकी वजह से न्यूजीलैंड को हार का सामना करना पड़ा
#3 मध्यक्रम का लड़खड़ा जाना
टॉस जीतकर न्यूजीलैंड ने बल्लेबाजी का फैसला किया था और उसकी शुरुआत भी ठीक-ठाक रही। पहले मार्टिन गप्टिल आउट हुए तथा जैसे ही केन विलियमसन आउट हुए, उसके बाद पूरा मध्यक्रम लड़खड़ा सा गया और कोई भी बल्लेबाज एक बड़ी पारी नहीं खेल पाया।
न्यूजीलैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भी अपनी अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठाया और वह बड़े शॉट लगाने के चक्कर में आउट हो गए जिसके चलते न्यूजीलैंड की पूरी टीम ने 50 ओवरों में मात्र 241 रन बनाए।
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#2 अंतिम ओवरों में बल्लेबाजी और गेंदबाजी में संघर्ष
किसी भी टीम के लिए मैच जीतने के लिए उसका आखिरी के ओवरों में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है। चाहे बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी दोनों में ही अगर आपने आखिरी के ओवरों में अच्छा प्रदर्शन किया है तो आप मैच जीतने के काफी करीब पहुंच जाते हैं।
बात करें न्यूजीलैंड की तो फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम अपने अंतिम ओवरों में ना तो अच्छी बल्लेबाजी कर सकी और ना ही अच्छी गेंदबाजी। न्यूजीलैंड ने 40 ओवरों में 179 रन बना लिए थे और उसके पास नीशम और कॉलिन डी ग्रैंडहोम जैसे बड़े बल्लेबाज थे लेकिन वह अपने आखिर के 10 ओवरों में 62 आखिरी बना सकी।
आखिर के 3 ओवर में इंग्लैंड को 34 रनों की जरूरत थी और इन तीनों ओवरों में दो ओवर उसके प्रमुख तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के थे लेकिन न्यूजीलैंड, इंग्लैंड को रोकने में नाकामयाब रही और मैच टाई हो गया।
उसके बाद दोनों के बीच खेला गया सुपर ओवर भी टाई हो गया और अंत में न्यूजीलैंड को बाउंड्री के आधार पर हार का सामना करना पड़ा।
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#1 मध्य के ओवरों में विकेट ना निकाल पाना
न्यूजीलैंड की टीम ने लक्ष्य का पीछा करते उतरी इंग्लैंड की टीम के 4 विकेट 84 रन पर ही झटक लिए थे और यहां से लगभग मैच न्यूजीलैंड की झोली में जाता हुआ दिख रहा था। उसके बाद बेन स्टोक्स और जोस बटलर ने पांचवें विकेट के लिए 110 रनों की शानदार साझेदारी कर न्यूजीलैंड के हाथों से मैच को छीन लिया।
न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने शुरुआत में कमाल की गेंदबाजी की और जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो, जोए रूट और मॉर्गन के विकेट चटकाए थे मगर उसके बाद न्यूजीलैंड के गेंदबाजों में निकालने में कामयाब रहे।
न्यूजीलैंड की टीम ने मध्य के ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी की मगर वे इंग्लैंड का एक भी विकेट लेने में सफल नहीं हुए और शायद यही वजह रही जो विश्व कप फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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