भारत को साल 2011 में विश्वकप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह ने पिछले महीने ही क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। वहीं अब उन्होंने कहा है कि वह अपने करियर में इंडियन प्रीमियर लीग खेलते हुए छह अलग-अलग फ्रेंचाइजी का हिस्सा रहे लेकिन किसी में भी वह फिट नहीं हो सके।
यही नहीं युवराज सिंह 2016 में आईपीएल जीतने वाली सनराइजर्स हैदराबाद का भी हिस्सा रहे और इस साल की चैंपियन मुंबई इंडियंस का भी हिस्सा रहे लेकिन वह किसी भी फ्रेंचाइजी में सेटल नहीं हो सके। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की सालाना आम बैठक में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्राप्त करते हुए युवराज सिंह ने यह बात कही।
युवराज ने बताया है कि 2014 में वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से सबसे महंगे खिलाड़ी के रूप में नीलाम हुए थे, जब इस टीम ने युवराज को 14 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसके बाद युवराज सिंह 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा रहे। जबकि इस साल के सीजन की नीलामी के पहले राउंड में यह खिलाड़ी अनसोल्ड रहा। इसके बाद मुंबई ने 1 करोड़ रुपए में युवराज को अपनी टीम में शामिल किया।
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युवराज सिंह ने कहा है कि मुझे इस बात से किसी भी तरह की शिकायत नहीं है, बल्कि मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के साथ आईपीएल ट्रॉफी जीतना काफी शानदार रहा। बताते चलें कि युवराज सिंह ने इस साल के आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से 4 मैच ही खेले थे।
इसके अलावा भारत को पहला टी20 विश्वकप दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह ने कहा है कि 2007 में टी20 क्रिकेट के शुरु होने के बाद क्रिकेट में काफी बदलाव आया है। उन्होंने उस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के मारे थे। जिस पर युवराज ने कहा है कि वह मेरा दिन था, जिसकी वजह से हर गेंद को मैदान के बाहर भेजने में सफल हुआ। युवराज ने कहा है कि हमारे पास एक नया कप्तान था और उस दौरान हम निर्भय होकर खेले थे, यही कारण रहा कि हम चैंपियन बने।
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