बिग बॉस के घर की 'देसी गर्ल' शिवानी कुमारी ने बताया परिवार का बड़ा राज, कहा- जीजा जी के घर मैं पैसे...

shivani kumari
छोटे से गांव से बिग बॉस के घर पहुंची शिवानी

Shivani Kumari Bigg Boss OTT 3: बिग बॉस ओटीटी 3 दर्शकों के बीच धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाना शुरू कर चुका है। इस बार शो को सलमान खान नहीं बल्कि अनिल कपूर होस्ट कर रहे हैं। वहीं इस बार शो में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शिवानी कुमारी बिग बॉस के घर की सदस्य हैं। एक छोटे से गांव से निकलकर बिग बॉस तक पहुंचना सोशल मीडिया की ताकत को दर्शाता है कि आज के टाईम में सोशल मीडिया की अलग ही ताकत है। इंस्टाग्राम पर आज शिवानी कुमारी के 40 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उनका यूट्यूब चैनल भी है, जहां 24 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। कहना गलत नहीं होगा कि सोशल मीडिया और फॉलोअर्स की दम पर शिवानी ने आज बिग बाॉस के घर में जगह बना ली है।

छोटे से गांव की रहने वाली शिवानी

आपको बता दें कि शिवानी यूपी के औरैया में एक छोटे से गांव अरयारी की रहने वाली हैं। शिवानी चार बहने हैं। शिवानी जब एक साल की थीं तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। मां ने जैसे- तैसे सभी लड़कियों की शादी की। शिवानी घर में सबसे छोटी हैं। उन्होंने इंटर तक ही पढ़ाई की है। शुरू से ही शिवानी का जीवन संघर्ष में बीता। कोविड के टाइम पर शिवानी ने वीडियो बनाने शुरू किए और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगीं। शायद यही समय उनका इंतजार कर रहा था और शिवानी को सोशल मीडिया से पहचान मिली। आज उनके लाखों में फॉलोअर्स हैं।

जब बिग बॉस से मुझे ऑफर मिला, विश्वास नहीं हुआ- शिवानी

टाइम्स इंटरनेट से बात करते हुए शिवानी बताती हैं कि उन्हें जब बिग बॉस की तरफ से अप्रोच किया गया तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ था। उनके मैनेजर ने उन्हें इस बात की जानकारी दी थी। बिग बॉस की टीम से उनकी मीटिंग हुई और उनका ऑडिशन लिया गया। आगे शिवानी बताती हैं कि ऑडिशन देने के बाद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उन्हें बुलाया जाएगा। लेकिन आखिरकार उन्हें बिग बॉस का सदस्य बना लिया गया।

पूरे घर की जिम्मेदारी मैं संभालती- शिवानी

हाल ही में शिवानी कुमारी एक प्रोमो में अपने परिवार के बारें में बात करती नजर आईं। प्रोमो में शिवानी रैपर नैजी से कहती हैं कि बचपन में ही मेरे पिता का देहांत हो गया था। मेरा कोई भाई भी नहीं जो घर की जिम्मेदारी लेता है। घर का पूरा खर्चा मैं ही चलाती हूं। मैं जिम्मेदारी संभालती हूं। मेरे दीदी के छह बच्चे हैं, जीजा जी मम्मी के साथ गांव में ही रहते हैं। जीजा जी कोई नौकरी नहीं करते हैं उनको बच्चों की जिम्मेदारी उनकी पढ़ाई और खाने का खर्चा भी हम ही देते हैं। 22 वर्ष की उम्र से हमने परिवार की जिम्मेदारी ले ली थी। इस पर नेजी कहते हैं कि यह तो अच्छी बात हैं कि आप एक जिम्मेदार इंसान हैं।

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