फार्मूला 1 जिसे हम F1 के नाम से जानते है ये दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल रेस प्रतियोगिता है और इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल (FIA) ऑटोमोबाइल नाम की संस्था करती है और इस संस्था की स्थापना सन 1904 में की गई थी।
इसमें आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं को फार्मूला वन वर्ल्ड चैंपियनशिप कहा जाता है। इसके नाम मे "फार्मूला" नियमों के एक सेट को कहा जाता है। F1 की रेस की एक श्रृंखला होती है जिसे ग्रैंड्स प्रिक्स के नाम से जाना जाता है और इसका आयोजन कुछ चुनिंदा स्थल, कुछ हद तक, पूर्व सार्वजानिक सड़कों और शहर की बंद सड़कों में होता है।
दो वार्षिक वर्ल्ड चैम्पियनशिप्स का आयोजन करने के लिए प्रत्येक रेस के परिणामों को संयुक्त किया जाता है, जिसमें से एक चैम्पियनशिप ड्राइवर्स के लिए और एक अयोजनकों के लिए होता है।
फ़ॉर्मूला वन श्रृंखला की शुरुआत 1920 और 1930 के दशक के यूरोपियन ग्रैंड प्रिक्स मोटर रेसिंग से हुई है।
फार्मूला वन में पॉइंट्स टेबल
किसी अन्य खेल की तरह फॉर्मूला- वन रेस में भी खेल अंकों का ही होता है।
शीर्ष दस ड्राइवरों को स्थान के मुताबिक अंक मिलते हैं, जिसका नियम निर्धारित है। विजेता को 25 अंक, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 18 अंक, तीसरे को 15, चौथे को 12, पाचवें को 10, छठे को 8, सातवें को 6, आठवें को 4, नौवें को 2 और दसवें को 1 अंक दिया जाता है।
हर टीम के दो ड्राइवर रेस में होते हैं, लिहाज़ा दोनों के अंकों के योग टीम को मिलने वाले अंकों में जुड़ते हैं।
खिलाडियों को उनके प्रदर्शन के अनुसार अंक दिये जाते है आखिर में अंको का योग किया जाता है और विजेता का चयन होता है। फार्मूला वन ग्रैंड प्रिक्स का एक कार्यक्रम करीब एक हफ्ते तक चलता है। एक दिन दो मुक्त अभ्यास सत्र होते हैं तो वहीं दूसरे दिन एक मुक्त अभ्यास सत्र से शुरू होता है। प्रत्येक टीम के लिए केवल दो कारों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके लिए अपने सीट को छोड़ने के लिए एक रेस ड्राइवर की आवश्यकता होती है। अंतिम मुक्त अभ्यास सत्र के बाद एक क्वालिफाइंग।
क्वालीफाई
क्वालिफाइंग सत्र अभ्यास सत्रों से थोड़ा अलग था; ड्राइवरों के पास एक पूरा सत्र होता था जिसमें उन्हें अपना सबसे तेज समय निर्धारित करने की कोशिश करनी पड़ती थी। ग्रिड को सबसे तेज़ 26 कारों के लिए सीमित किया जाता था और रेस को क्वालिफाई करने के लिए ड्राइवरों को पोल सिटर के 107% के भीतर लैप करना पड़ता था।
मुख्य रेस
मुख्य रेस की शुरुआत एक वर्म-अप लैप के साथ होता है, जिसके बाद सभी कारें क्वालीफाई किये पोजीशन के आरंभिक ग्रिड के अनुसार इकठा होती है। सामान्य परिस्थितियों के तहत रेस का विजेता वही ड्राइवर होता है जो चक्करों की एक निर्धारित संख्या को पूरा करने के बाद समाप्ति रेखा को सबसे पहले पार करता है।
पूरे रेस ले दौरान ड्राइवर टायरों को बदलने और नुक्सान की मरम्मत करने के लिए पिट स्टॉप ले सकते हैं।
सर्किट
आजकल इस्तेमाल हो रही सर्किटों में से अधिकांश सर्किटों को विशेष रूप से प्रतियोगिता के लिए बनाया गया है। मौजूदा सड़क सर्किट मोनैको, मेलबोर्न, वैलेंशिया और सिंगापुर हैं। F1 की सूची में अभी हाल ही में वैलेंशिया, सिंगापुर और अबू धाबी को शामिल किया गया है। 2011 में पहली बार भारत में एक फ़ॉर्मूला 1 ग्रैंड प्रिक्स का आयोजन किया जाएगा।