विजयन भारतीय फुटबॉल के इतिहाल का एक और एसा नाम है जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है। अपनी तेजी के बल पर ब्लैक बक के नाम से मशहूर ये खिलाड़ी भारत के लिए एक महान स्ट्राइकर माना जाता है। विजयन की कहानी सच में किसी कहानी की तरह ही है, फुटबॉलर बनने से पहले वो स्टेडियम के बाहर सोड़ा बेचा करते थे। फिर उनके टैलेंट को नई जमीन केरल पुलिस ने दी उसके बाद इस खिलाड़ी ने मुड़कर कभी पीछे नहीं देखा। उन्होंने मोहन बागान, एफसी कोच्चिन, ईस्ट बंगाल जैसे नामी क्लब्स की तरफ से फुटबॉल खेली और एक समय वो देश हाईएस्ट पेड फुटबॉलर भी बने। विजयन ने अपने कैरियर के दौरान देश के लिए 79 मैच खेलके 40 गोल लगाए जो कि किसी भी स्ट्राइकर के लिए एक गर्व की बात है। उनहोंने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 1992 में किया। 2003 एफ्रो-एशियन के उनहोंने फुटबॉल को अलबिदा कहा तब तक वो भारतीय टीम का हिस्सा बने रहे । लेकिन उनके कैरियर का सबसे शानदार क्षण 1999 में आया जब उनहोंने SAF खेलों में भूटान के खिलाफ मैच में सिर्फ 12वे सेकंड में ही गोल दाग दिया , यह इंटरनेशनल फुटबॉल इतिहास का अब तक का तीसरा सबसे फास्ट गोल था । विजयन के खेल को थाई और मलेशियन क्लबों में खासी सराहना मिली । आईएम विजयन इकलौते एसे खिलाड़ी रहे जिन्हें एक से अधिक बार AIFF प्लेयर ऑफ द इयर का अवॉर्ड मिला वो 1993, 1997 और 1999 में इसे जीते । यह उनका फुटबॉल का कौशल ही है कि विजयन की तुलना अक्सर भारतीय फुटबॉल के पेले से की गई और विजयन ने इसे हमेशा अपने खेल से साबित भी किया।