इंडोनिशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान स्टेडियम में हुई भगदड़ और लोगों के आपसी झगड़े में 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। यह दुखद घटना शनिवार 1 सितंबर को घटी जब पूर्वी जावा के मलांग में वहीं की टीम आरेमा एफसी को हार का सामना करना पड़ा। गुस्साए दर्शकों ने मैदान में घुसकर खिलाड़ियों को निशाना बनाया और फिर आपस में भिड़ गए।
क्या है मामला?
खबरों के मुताबिक मलांग के कंजुरुहान स्टेडियम में स्थानीय टीम आरेमा एफसी का मुकाबला परसेबाया सुराबया से था जिसे देखने भारी संख्या में दर्शक स्टेडियम आए थे। सुराबया ने आरेमा एफसी को 3-2 से हराया। आरेमा एफसी की अपनी चिर प्रतिद्वंदी टीम परसेबाया के खिलाफ यह करीब दो दशकों में पहली हार थी। मैच खत्म होने के तुरंत बाद काफी संख्या में फैंस मैदान में पहुंच गए और खिलाड़ियों पर हमला करने लगे। खिलाड़ियों को किसी तरह मैदान से बाहर ले जाया गया।
दर्शकों के बीच झगड़े होने लगे, स्टेडियम में भगदड़ मच गई। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इससे लोगों में और चिंता फैल गई और हालात बेकाबू हो गए। कई दर्शक जान बचाने के लिए स्टेडियम से बाहर जाने वाले गेटों की तरफ भागे। लेकिन इस पूरी भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। फिलहाल खबरों के अनुसार 174 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि करीब 300 लोग घायल हैं। घटना में कुछ पुलिस अधिकारियों और कुछ बच्चों के निधन की भी खबर है।
घटना के बाद इंडोनिशिया की फुटबॉल फेडरेशन ने प्रीमियर सॉकर लीग को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। साथ ही आरेमा के मैदान पर कोई भी फुटबॉल मैच नहीं कराये जाने की घोषणा कर बैन लगा दिया है।
फीफा ने पुलिस की ओर से दर्शकों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किये जाने को गलत बताया है। वहीं जावा की पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि हालात बेकाबू होने पर ही ऐसा किया गया। देश के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भी घटना पर दुख जताया है।
घटनाओं का रहा है इतिहास
इंडोनिशिया में फुटबॉल काफी लोकप्रिय है और इससे पहले भी कई मौकों पर भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं। इस बार हुई घटना को फुटबॉल के इतिहास में हुई सबसे खराब घटनाओं में गिना जा रहा है।