2018 फीफा विश्व कप की उपविजेता टीम क्रोएशिया ने गोलरहित ड्रॉ के साथ इस बार विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत की है। कप्तान लुका मोद्रिक की अगुवाई में खेल रही क्रोएशिया को अल बायेत स्टेडियम में हुए ग्रुप एफ के मुकाबले में मोरक्को से कड़ी टक्कर मिली। क्रोएशियाई टीम के पास अधिकतर समय गेंद का पोजेशन रहा लेकिन मोरक्को का तगड़ा डिफेंस कारगर साबित हुआ। खास बात ये है कि क्रोएशिया ने पिछले विश्व कप में अपने सारे ग्रुप मैच जीते थे।
मुकाबले के पहले हाफ में क्रोएशिया का ही दबदबा रहा। पहले हाफ के समाप्त होने से थोड़ी देर पूर्व क्रोएशिया के निकोला व्लासिक ने बेहद अच्छा अवसर बनाया और मोरक्को के गोल पोस्ट में गेंद डालने का प्रयास किया लेकिन विरोधी टीम के गोलकीपर यासिन बूनू ने इसे रोक मोरक्को को पिछड़ने से बचा लिया।
अब ग्रुप एफ में 27 नवंबर को बेल्जियम का मुकाबला मोरक्को से होगा जबकि क्रोएशियाई टीम कनाडा का सामना करेगी। हर ग्रुप से दो-दो टीमें नॉकआउट दौर में जानी हैं और ऐसे में अधिक से अधिक मुकाबले जीतना बेहद जरूरी है।
क्रोएशिया का भारतीय फुटबॉल से रिश्ता
क्रोएशिया की टीम अपना छठा विश्व कप खेल रही है। साल 1991 में आजादी पाने के बाद क्रोएशिया ने फुटबॉल विश्व कप में पहली बार साल 1998 में क्वालिफाय किया। इसके बाद से ही केवल 2010 को छोड़कर टीम ने हर बार विश्व कप खेला है। खास बात ये है कि साल 1998 में टीम तीसरे नंबर पर रही थी और उस टीम के सदस्य रहे आइगर स्टिमैक मौजूदा समय में भारतीय फुटबॉल टीम के कोच हैं।
वहीं मोरक्को ने भी कुल 6 बार विश्व कप में जगह बनाई है। टीम 1970, 1986, 1994, 1998, 2018 और अब फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप खेल रही है। मोरक्को ने साल 1986 के विश्व कप में राउंड ऑफ 16 में जगह बनाई थी और ये उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।