FIFA World Cup 2022 : पहली बार आमने-सामने होंगे इंग्लैंड और ईरान, सेनेगल को खलेगी सादियो माने की कमी

इंग्लैंड ने अपना इकलौता विश्व कप 1966 में जीता था।
इंग्लैंड ने अपना इकलौता विश्व कप 1966 में जीता था

फीफा विश्व कप 2022 के शानदार आगाज के बाद दूसरे दिन तीन मुकाबले खेले जाएंगे। पहले मैच में इंग्लैंड का सामना ईरान से होगा, दूसरे मुकाबले में सेनेगल और नीदरलैंड्स की टीमें आमने-सामने होंगी जबकि दिन के आखिरी मैच में देर रात अमेरिका और वेल्स भिड़ेंगी।

पहली बार होगी भिड़ंत

इंग्लैंड और ईरान ने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी एक-दूसरे का सामना नहीं किया है। इस विश्व कप में ग्रुप बी को राजनैतिक रूप से भी सबसे ज्यादा मजेदार माना जा रहा है क्योंकि ग्रुप में अमेरिका, इंग्लैंड के साथ वेल्स है जबकि आखिरी टीम ईरान की है। ईरान के साथ पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका और इंग्लैंड के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसे में इंग्लैंड और ईरान का ये मैच काफी रोचक होने की उम्मीद है।

1966 में अपना पहला और इकलौता विश्व कप जीत चुकी इंग्लैंड को भले ही मैच में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा हो लेकिन ईरान की टीम भी फुटबॉल में एशिया का 'पावरहाउस' मानी जाती है। इंग्लैंड की टीम में जहां कप्तान हैरी केन, फिल फोडेन, बुकायो साका जैसे नाम फॉरवर्ड को मजबूत बनाते हैं, तो वहीं टीम का डिफेंस आज तक उसकी बड़ी चिंता है। ईरान अपने स्टार स्ट्राइकर मेहदी तारेमी से गोल की उम्मीद करेगा। सरदार अजमून और अलिरेजा जहानबख्श भी कमाल करते दिख सकते हैं।

नीदरलैंड्स के खिलाफ सेनेगल कमजोर

फीफा विश्व रैंकिंग में 8वें स्थान पर मौजूद नीदरलैंड्स की टीम साल 2014 के विश्व कप में तीसरे नंबर पर रही थी लेकिन उसके बाद 2018 के विश्व कप के लिए क्वालीफाई न कर पाने का दंश टीम को जरूर चुभ रहा था। यही वजह है कि इस बार तीन बार की उपविजेता ये टीम और भी ज्यादा खतरनाक है। ग्रुप ए में नीदरलैंड्स सेनेगल के खिलाफ अभियान की शुरुआत करेगी।

सेनेगल के पास उसके स्टार स्ट्राइकर और हाल ही में लिवरपूल से बायर्न म्यूनिख गए सादियो माने नहीं हैं। माने के गोल की बदौलत ही टीम ने अफ्रीका कप ऑफ नेशंस का खिताब जीता और विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया था।

वापसी की राह पर अमेरिका-वेल्स

ग्रुप बी के दूसरे मुकाबले में दो ऐसी टीमें आमने-सामने होंगी जिनका मकसद इस विश्व कप के जरिए बेहतरीन छाप छोड़ने का होगा। अमेरिकी टीम जहां 2014 के बाद अब जाकर विश्व कप में क्वालीफाई कर पाई है तो वेल्स की टीम साल 1958 के बाद अब जाकर अपना दूसरा विश्व कप खेलेगी। दोनों टीमों से विश्व विजेता बनने की उम्मीद तो शायद इन्हीं के देशवासियों के अलावा कोई नहीं कर रहा, लेकिन अपने खेल के जरिए दोनों टीमें कुछ बड़े उलटफेर करने में माहिर हैं।

अमेरिकी टीम जहां विश्व रैंकिंग में नंबर 16 पर है तो वेल्स नंबर 19 पर है। क्रिस्चिन पुलिसिक अमेरिकी टीम के कप्तान हैं और अमेरिका के सबसे लोकप्रिय फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं। वेल्स में कप्तान गेरथ बेल के साथ ही जो ऐलन, रैमसी जैसे अनुभवी खिलाड़ी भी हैं।

Edited by Prashant Kumar
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