कतर बतौर मेजबान पहली बार अपने देश में FIFA World Cup का आयोजन कर रहा है। मेजबानी मिलने से लेकर ओपनिंग सेरेमनी तक अलग-अलग तरह के आरोप कतर के आयोजकों पर लगाए जाते रहे हैं। इस बार नया आरोप लगा है स्टेडियम में दर्शकों के झूठे आरोप पेश करने का। खबरों के मुताबिक अभी तक हुए चार मुकाबलों में स्टेडियम में कई सीटें खाली दिखाई दी हैं, इसके बावजूद आयोजकों ने क्षमता से भी ज्यादा संख्या में दर्शकों के मौजूद होने की बात कही है।
क्षमता कम, दर्शक ज्यादा ?
फीफा की आधिकारिक वेबसाइट और कतर विश्व कप के लिए बनी आधिकारिक वेबसाइट में दिए गए आंकड़े अटपटे नजर आ रहे हैं। इस विश्व कप का पहला मुकाबला मेजबान कतर और इक्वाडोर के बीच ग्रुप ए में हुआ। यह मैच अल बायेत स्टेडियम में खेला गया और कतर विश्व कप की आधिकारिक साइट के अनुसार इस स्टेडियम की क्षमता 60 हजार दर्शकों की है। लेकिन मैच खत्म होने के बाद फीफा की वेबसाइट पर मैच में आए दर्शकों की क्षमता 67,372 बताई गई है।
ये तो सिर्फ एक उदाहरण है। इंग्लैंड और ईरान के बीच टूर्नामेंट का दूसरा मुकाबला हुआ। यह मैच खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में हुआ जिसकी आधिकारिक क्षमता 40 हजार बताई गई है लेकिन मैच के दौरान दर्शकों के आंकड़े 45, 334 दिखाए जा रहे हैं। तीसरे मैच में नीदरलैंड्स और सेनेगल का सामना हुआ। इस मैच में 40 हजार की क्षमता वाले अल थुमामा स्टेडियम की कई सीटें खाली दिख रही थीं लेकिन आधिकारिक रूप से दर्शकों की संख्या 41, 721 बताई जा रही है।
सोमवार देर रात अमेरिका और वेल्स के बीच मुकाबला हुआ। अहमद बिन अली स्टेडियम की क्षमता 40 हजार दर्शकों की है जहां यह मैच हुआ। लेकिन यहां भी आधिकारिक आंकड़े दर्शकों की संख्या 43, 418 बता रहे हैं।
इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर कई मीडिया आउटलेट्स सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। हालांकि कई फैंस का मानना है कि स्टेडियम की क्षमता अनुमानित दी जाती है और हो सकता है मौजूदा समय में ज्यादा दर्शक आ रहे हों।
इस पूरे मामले में आयोजकों की ओर से कोई सफाई नहीं आई है। लेकिन कतर में मजदूरों की खराब स्थिति, समलैंगिक मुद्दों के आर्मबैंड पर रोक, शराब की स्टेडियम में बिक्री पर रोक, महिलाओं के लिए विशेष नियम से लेकर अब स्टेडियम क्षमता, हर बात पर कहीं न कहीं रोज विवाद पनपता दिख रहा है।