इंग्लैंड के खिलाफ फुटबॉल विश्व कप में अपने पहले मैच के दौरान ईरान के खिलाड़ियों और फैंस ने कुछ ऐसा किया जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। मैच के शुरु होने से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ी एक-एक पंक्ति में अपना राष्ट्रगान गाने के लिए खड़े थे। ईरान के खिलाड़ियों ने अपना राष्ट्रगान नहीं गाया और अपने देश में हिजाब विरोधी आंदोलन को अपने अंदाज में समर्थन दिया।
क्या है मामला ?
दरअसल ईरान में पिछले कई हफ्तों से हिजाब को अनिवार्य बनाए गए नियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। सितंबर 2022 में महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब सही से नहीं पहनने के आरोप पर ईरान की 'नैतिक पुलिस' ने जमकर पीटा और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इसके बाद से ही लगातार देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देश का एक बड़ा तबका इस्लामिक नियमों का हवाला देकर हो रही बर्बरता के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहा है।
साल 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति आने के बाद विशेष रूप से महिलाओं के कई अधिकारों पर रोक लगाई गई और उनका हिजाब पहनना जरूरी बना दिया गया। विश्व कप 2022 में ईरान के मुकाबले के दौरान टीम के खिलाड़ी राष्ट्रगान के समय पंक्ति में तो खड़े हुए, राष्ट्रगान बजा भी, लेकिन किसी भी खिलाड़ी ने राष्ट्रगान के बोल नहीं गाए। खबरों के मुताबिक खिलाड़ी इस्लामिक सरकार की दमनकारी नीति के खिलाफ अपने तरीके से विरोध कर रहे थे।
पश्चिमी मीडिया हाउस ने यह भी खबर दी है कि टीम का इस तरह राष्ट्रगान न गाने का प्रसारण ईरान के मीडिया में नहीं किया गया। राष्ट्रगान के दौरान स्टेडियम में मौजूद ईरानी दर्शकों ने भी अपने देश के इस गीत को बू किया। कई फैंस ने इस्लामिक क्रांति से पहले के देश के ध्वज जिसे पर्शियन ध्वज कहा जाता है, को भी स्टेडियम के अंदर ले जाने की कोशिश की। लेकिन उन्हें सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने झंडे के बिना ही अंदर जाने के लिए कहा।