स्पेन की अंडर-17 महिला टीम ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया है। भारत के नवी मुंबई में खेले गए फीफा अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप के फाइनल में स्पेन को कोलंबिया पर 1-0 से जीत मिली।
मैच का यह इकलौता गोल कोलंबिया की ऐना गुजमैन की गलती से हुआ जब गेंद रोकने के चक्कर में वह उन्हीं के गोल पोस्ट में चली गई और यह गोल स्पेन के खाते में गया। 82वें मिनट में हुए इस गोल की बदौलत स्पेन ने लगातार दूसरी बार यह खिताब जीता है। साल 2018 में भी स्पेन की टीम चैंपियन रही थी।
बाहर होते-होते बची थी स्पेन
स्पेन की टीम टूर्नामेंट में बतौर गत विजेता उतरी थी, लेकिन ग्रुप सी में उसे काफी कड़ी चुनौती मिली थी। टीम ने ग्रुप में अपने पहले मैच में कोलंबिया को 1-0 से हराया था लेकिन दूसरे मुकाबले में मेक्सिको ने वर्ल्ड चैंपियन टीम को 2-1 से हराकर सभी को चौंका दिया था। स्पेन को क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के लिए तीसरा और आखिरी मैच हर हाल में जीतना था, नहीं तो टीम बाहर हो जाती। चीन के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच में स्पेन को मुश्किल से 1-0 से जीत मिली थी।
तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में नाईजीरिया ने जीत हासिल की। नाईजीरिया और जर्मनी के बीच फुल टाइम तक मैच 3-3 से बराबर रहा। इसके बाद पेनेल्टी शूटआउट में नाईजीरिया ने 3-2 से जीत दर्ज की पहली बार टॉप 3 में जगह बनाई।
मेजबान भारत की तारीफ
भारत को पहली बार अंडर-17 महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी मिली थी। भारतीय टीम तो ग्रुप स्टेज में ही बिना कोई मैच जीते बाहर हो गई, लेकिन देश ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी काफी अच्छे ढंग से की। फाइनल को देखने के लिए डीवाई पाटिल स्टेडियम में 24 हजार दर्शक मौजूद थे। पूरे टूर्नामेंट में करीब पौने दो लाख दर्शक अलग-अलग मुकाबलों में शामिल हुए।
फीफा के प्रेसिडेंट जियानी इंफेन्टिनो फाइनल देखने खुद स्टेडियम में मौजूद थे और उन्होंने भारत की मेजबानी की तारीफ की। फीफा की ओर से उन्होंने देश में स्कूलों में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ एक खास MoU भी साइन किया। भारत ने इससे पहले साल 2017 में अंडर-17 पुरुष वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी।