जल ही जीवन है कि तरह ही भोजन ही जीवन है। कुछ लोग खाने के लिए जीते हैं तो वहीं कुछ जीने के लिए खाते हैं। जो जीने के लिए खाते हैं वो फिट रहते हैं पर जो खाने के लिए जीते हैं वो साथ में कई बीमारियों और परेशानियों को भी न्योता देते हैं जिनमें मोटापा, सांस फूलना, और अन्य बीमारियाँ शामिल हैं।
शादियों के समय या किसी की पार्टी में जाते ही हम सबके अंदर भूख का एक ऐसा प्रवाह होता है कि हम एक थाली में ही पाँच बार खा लेते हैं। इसकी वजह से कई बार सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है पर अब भी स्वीट डिश की जगह बच ही जाती है। ऐसे में उसको खाने के बाद हम अपने पेट के डिस्बैलेंस के साथ अपने वजन को बैलेंस करने का प्रयास कर रहे होते हैं।
इसके बाद शुरू होती हैं खट्टी डकारें, बदबूदार गैस का पास होना, और जी मिचलाने से लेकर उलटी। ये सभी चीजें इटिंग से ओवरइटिंग के कारण हुए दुष्प्रभावों को दर्शाती हैं। ऐसा नहीं है कि इसके शिकार हुए लोग इस परेशानी को नहीं जानते हैं या वो इससे बचने का प्रयास नहीं करते, पर क्या वो ऐसा कर पाते हैं? अगर आप भी इस परेशानी के शिकार हैं तो इन चीजों को अपनाएं।
ओवरईटिंग से बचने के लिए करें ये 5 काम: Overeating Se Bachne Ke Liye Karein Ye 5 Kaam
अपने खाने में 6 तत्व रखें: Comprise your food of 6 tastes to avoid overeating in Hindi
खाने को लेकर आयुर्वेद ये कहता है कि आपके खाने में 6 तत्व होने चाहिए। इनमें मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा, और फीका। जी हाँ, किसी भी प्लेट में ये सभी तत्व होने ही चाहिए क्योंकि इनके होने से ही आपकी प्लेट पूर्ण होगी, पर क्या ये अकेले काफी है? जी नहीं, इसके साथ इन चीजों को भी अपनाएं।
अन्य जरूरी चीजें भी साथ में रखें: Keep necessary items at once in Hindi
खाने के साथ कुछ लोगों को अचार, कुछ को मिर्च, कुछ को सलाद तो कुछ को फल खाने की आदत होती है। वैसे तो फल कभी नहीं खाना चाहिए पर कुछ लोगों को इसकी आदत होती है जो परेशानी का कारण बन जाती है। अगर आप इनमें से किसी भी चीज को खाते हैं तो आज ही से इसको अपने खाने की प्लेट में ही रखें अलग से किसी प्लेट में नहीं और बार बार ना उठाएं।
एक ही बार में खाना परोस लें: Use only one serving in Hindi
ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें एक बार में पूरा खाना खाना नहीं आता है। ये लोग अलग अलग खाने को लेते हैं या फिर प्लेट में कम रखते हैं जबकि बाहर ज्यादा रखते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक जितना भी अनाज आपकी दोनों हथेलियों में आ सकता है वो ही आपके लिए सबसे उपयुक्त है। इसके बाद भी लोग 'एक और चपाती लो ना' के चक्कर में पाँच रोटी ज्यादा खा लेते हैं और अपनी सेहत को खराब कर बैठते हैं।
खाने को हमेशा धीरे खाएं: Eat Food Slowly Benefits in Hindi
हमारे मुँह में 32 दाँत हैं और अगर आपको ये दांत दिए गए हैं तो इसके पीछे भी कोई कारण होगा। इंसान दिनभर जो कमाने की भागदौड़ करता है वो सब खाने के लिए ही तो करता है। अगर खाना सही नहीं होगा तो सेहत ठीक नहीं होगी और फिर आप कहीं भी नहीं जा सकेंगे या किसी से भी मिल नहीं सकेंगे।
ऐसे में खाने को चबाकर और आराम आराम से खाएं ताकि आपकी मुँह की लार खाने में लगे और उससे आपके खाने को पचने में आसानी हो। चपाती या रोटी (आप जो भी पुकारते हों) के छोटे छोटे टुकड़े ही खाएं क्योंकि उससे खाने को चबाने और पचाने में आराम मिलेगा जो एक अच्छी बात है।
शरीर से सिग्नल का इन्तजार करें: Wait for the signal from the body in Hindi
जब आप खाना आराम आराम से खाते हैं तो दिमाग को भी ये पता रहता है कि आपने कितना खाया और उसके कारण पेट कितने समय में भर जाएगा। वैसे तो आपका पेट 15 मिनट में ही भर जाता है और ये वो समय होता है जब आपका दिमाग आपको एक सिग्नल भेजता है कि आपका खाना हो चुका है। अगर आप उसके बाद भी खाते रहना चाहते हो तो ये आपकी मर्जी है, पर ये सेहत के लिए ठीक नहीं है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।