आजकल की लाइफस्टाइल की वजह से ज्यादातर लोगों में साइटिका (Sciatica) की समस्या देखने को मिल रही है। साइटिका में कमर के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होता है, साइटिका एक कमर से संबंधित बीमारी है। बता दें कि यह बीमारी रीढ़ की हड्डी (spinal cord) से होते हुए पैरों की उगलियों तक पहुंच जाती है। इस बीमारी को हल्के में बिल्कुल नहीं लेना चाहिए, लेकिन ज्यादातर लोग एक मामूली सा कमर दर्द समझकर साइटिका की बीमारी को नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे जाकर स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकती है। लेकिन अगर किसी को साइटिका की शिकायत है, तो इन आयुर्वेदिक इलाजों को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकता है। आइए जानते हैं साइटिका की शिकायत दूर करने के क्या-क्या आयुर्वेदिक इलाज है।
साइटिका के लक्षण
1- कमर और पैरों में हल्का दर्द
2- पैरों की उंगलियों में दर्द
3- कमर और परों में झुनझुनी महसूस होना
4- पैरों का बेजान महसूस होना
5- कमर के निचले हिस्से में दर्द और कमजोरी
साइटिका का 5 आयुर्वेदिक इलाज
1- अश्वगंधा (ashwagandha) एक जड़ी बूटी है, जो साइटिका की शिकायत होने पर काफी फायदेमंद मानी जाती है। इसके लिए अश्वगंधा में तिल का तेल मिलाकर प्रभावित जगह पर मालिश करनी चाहिए, क्योंकि इन दोनों मिश्रण से मालिश करने से साइटिका में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है।
2- साइटिका की शिकायत होने पर अंरडी के तेल (castor oil) से मालिश करना भी काफी लाभदायक साबित होता है। क्योंकि अंरडी का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो गठिया, साइटिका, कमर दर्द जैसे दर्द को कम करने में प्रभावी होता है।
3- साइटिका की शिकायत होने पर हरसिंगार (Harsingar) के पत्ते काफी फायदेमंद माने जाते हैं। हरसिंगार के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। साथ ही हरसिंगार में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होता है, जो किसी भी प्रकार के दर्द को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इसके लिए हरसिंगार के पत्तों को पानी में डालकर उबाल लें, फिर ठंडा होने के बाद सेवन कर लें।
4- साइटिका की शिकायत होने पर जायफल (Nutmeg) और तिल के तेल (sesame oil) का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि जायफल और तिल के तेल दोनों ही में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं, इसलिए अगर आप जायफल में तिल का तेल मिलाकर मालिश करते हैं, तो इससे दर्द की शिकायत दूर होती है।
5- साइटिका की शिकायत होने पर हल्दी (Turmeric) का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है, जो सभी प्रकार के दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है। इसलिए अगर किसी को साइटिका की शिकायत हो, तो उसे हल्दी वाले दूध का सेवन करना चाहिए।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।