मूली के पत्तों (radish leaves) के स्वास्थ्य लाभ मधुमेह के इलाज से लेकर गठिया तक विविध हैं। इसमें आवश्यक विटामिन और मिनरल होते हैं और यह एक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट के रूप में भी काम करता है। मूली के पत्तों में आयरन और फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और थकान कम होती है। इसमें फाइबर भी होता है जो पाचन प्रक्रिया में मदद करता है। मूली के पत्ते विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं। इसमें आयरन, फास्फोरस, फोलिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन सी होते हैं जो कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं। मूली के पत्तों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की उपस्थिति इसे एक बहुमुखी जड़ी बूटी बनाती है जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज और कम कर सकती है। इस लेख के माध्यम हम मूली के पत्तों के फायदे बताने जा रहे हैं।
मूली के पत्तों से जुड़े ये 6 स्वास्थ्य लाभ कर सकते हैं आपको हैरान - Radish Leaves Benefits In Hindi
1. इम्युनिटी और थकान कम करे (Improve immunity and reduce fatigue)
थकान, आधुनिक समय में सबसे आम बीमारियों में से एक है, जिसे मूली के पत्तों के सेवन से प्रभावी रूप से दूर किया जा सकता है। आयरन और फास्फोरस की उच्च मात्रा के साथ, इसमें विटामिन C, विटामिन A और थायमिन जैसे आवश्यक खनिज भी होते हैं जो थकान से लड़ने में मदद करते हैं। आयरन और फॉस्फोरस की अधिक मात्रा से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। एनीमिया और कम हीमोग्लोबिन से पीड़ित लोग मूली के पत्तों को खाकर अपनी स्थिति को कम कर सकते हैं।
2. प्राकृतिक रूप से मूत्रवर्धक होते हैं (Naturally diuretic)
मूली के पत्ते का रस एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है। इसमें पथरी को घोलने और मूत्राशय को साफ करने की क्षमता होती है। इसमें रेचक गुण भी होते हैं इसलिए इसका उपयोग कब्ज (constipation) और फूले हुए पेट को कम करने के लिए किया जा सकता है
3. स्कर्वीजनक विरोधी (Anti-scorbutic)
मूली के पत्ते स्कर्वी (scurvy) को रोकने में मदद करते हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि इसमें विटामिन C की उच्च मात्रा होती है।
4. पीलिया का इलाज करे (Treat jaundice)
हाइपरबिलिरुबिनमिया (Hyperbilirubinemia) एक ऐसी स्थिति है जहां त्वचा पीली हो जाती है। जिन लोगों को पीलिया होता है वे इससे पीड़ित होते हैं। देखा गया है कि मूली के पत्तों में यह त्वचा के पीलेपन की स्थिति को उलटने का गुण होता है। पत्तियों को कुचला जाना चाहिए और अर्क को झरझरा कपड़े से छानना चाहिए। आधा लीटर रस रोजाना दस दिनों तक सेवन करने से पीलिया ठीक हो जाता है।
5. गठिया से राहत दिलाए (Relieves rheumatism)
गठिया दुनिया की सबसे दर्दनाक बीमारियों में से एक है। घुटने के जोड़ में न केवल दर्द होता है बल्कि सूजन भी होती है जो बहुत परेशानी का कारण बनती है। मूली के पत्तों के अर्क को समान मात्रा में चीनी और पानी के साथ मिलाकर एक पेस्ट बनाया जाता है जिसे सूजन पर शीर्ष पर लगाया जा सकता है। इस पेस्ट के नियमित उपयोग से दर्द से राहत मिल सकती है और सूजन कम हो सकती है।
6. मधुमेह से बचाए (Prevents diabetes)
मधुमेह वर्तमान समय की सबसे आम जीवन शैली की बीमारियों में से एक है। मूली के पत्तों में कई ऐसे गुण होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार मूली का साग मधुमेह की योजना में शामिल होने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। मूली के पत्ते उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करते हैं और मधुमेह को रोकते हैं।
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