अधोमुख श्वानासन को योग मुद्रा के कई आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन माना जाता है, इसलिए योग अधोमुख श्वानासन का अभ्यास जरूर करते हैं। इस आसान को ठीक इसी तरह किया जाता है जैसे कुत्ते की तरह सामने की ओर झुकने का प्रतिकात्मक है इसलिए इसे अधोमुख श्वानासन कते हैं। यह आसान सूर्य मनस्कार का एक आवश्यक हिस्सा है। इससे शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ मांसपेशियों को लचीला बनाता है। जानते हैं इस आसन को कैसे और क्यों करना चाहिए।
अधोमुख श्वानासन करने का तरीका-
ये भी पढ़ें: बालासन कैसे और क्यों करें Balasana Kaise aur kyu kare?इस आसन को करने के लिए सबसे पहले हाथ और पैरों के बल कुत्ते की तरह आ जाएं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपनी कमर को ऊपर उठाएं। और सिर को नीचे की तरफ कर लें। लम्बी गहरी सांस लें,और अधोमुख स्वान की अवस्था में बने रहें। अपनी नज़रें नाभि पर बनाये रखें। इस आसन को आप तीन से चार बार करें।
अधोमुख श्वानासन करने के फायदे-
पेट की मांसपेशियों को मजबूत करें- अधोमुख श्वानासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को लचीला बनाया जा सकता है। इस आसन को करते समय पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे पेट को मजबूती मिलती है।
ब्लड सर्कुलेशन को सही रखे- इस आसन को करते समय व्यक्ति का सिर नीचे की तरफ जाता है, जिसकी वजह से शरीर में ताजे रक्त का प्रवाह होता है और इसके कारण ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
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तनाव दूर करें- इस आसन को करने से दिमाग शांत होता है। अधोमुख श्वानासन करते समय गर्दन पर खिंताव होता है जिससे तनाव दूर करने में मदद मिलती है।
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