आज के समय में लोगों में टेंशन की परेशानी अधिक देखने को मिलती है। जिसकी वजह से कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से थायराइड भी हो जाता है। वहीं खाने में आयोडीन (नमक) की कमी या ज्यादा इस्तेमाल, दवाओं के साइड इफेक्ट के अलावा अगर परिवार में किसी को पहले से थायराइड की समस्या है तो भी इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। महिलाों में थायराइड की समस्या अधिक होती हैं। जिसकी वजह से कई तरह की दूसरी बीमारियों के होने का भी खतरा बना रहता है। तो इस बीमारी को आयुर्वेदिक उपायों द्वारा कैसे दूर किया जा सकता है जानेंगे इसके बारे में।
आयुर्वेद में थायराइड का इलाज : Ayurved Me Thyroid Ka Ilaj In Hindi
धनिये का पानी - थायराइड की बीमारी में धनिये का पानी पी सकते हैं। धनिये के पानी को बनाने के लिए शाम को तांबे के बर्तन में पानी लेकर उसमें 1 से 2 चम्मच धनिये को भिगो दें और सुबह इसे अच्छी तरह से मसल कर छान लें फिर धीरे-धीरे पीने से इसका फायदा होगा।
अश्वगंधा चूर्ण - थायराइड की बीमारी में विभीतिका का चूर्ण, अश्वगंधा का चूर्ण और पुश्करबून का चूर्ण लें और 3 ग्राम शहद के साथ में या गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार प्रयोग कर सकते हैं।
पंचकर्मा की क्रियाएं - थायराइड बीमारी में पंचकर्मा की क्रियाएं जिसमें शिरो अभ्यंगम, पाद अभ्यंगम, शिरोधारा, वस्ति, विरेचन, उद्वर्तन और गले के क्षेत्र या थायराइड ग्रंथि पर हम धारा कर सकते हैं। इसमें नस्यम को हम घर पर कर सकते हैं। नस्यम करने के लिए गाय के घी को दो-दो बूंद पिघला के हम नाक में डालने से इस बीमारी में लाभ मिलता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।