अक्सर लोग आंखों के फड़कने को किसी अंधविश्वास के साथ जोड़ने लग जाते हैं। कई लोगों का तो यहां तक मानना है कि दाई आंख का फड़कना मतलब कुछ शुभ होना वहीं बाईं आंख का फड़कना मतलब कुछ बुरा होना। लेकिन आपको बता दें कि आंखो का फड़कना कोई अच्छा या बुरा नहीं होता है। बल्कि किसी मेडिकल कंडीशन के चलते आंखों का फड़कना होता है। कभी कभार अगर ऐसा होता है, तो कोई परेशानी की बात नहीं है। लेकिन अगर ये समस्या बहुत ज्यादा हो रही है, तो इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
आँखों के फड़कने को न करें नजरअंदाज, हो सकता है गंभीर बीमारियों का संकेत Do not ignore the twitching of the eyes, it can be a sign of serious diseases In Hindi
मायोकेमिया (Myokymia) - मायकोमिया लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है। मांसपेशियों की सामान्य सिकुड़न के कारण यह समस्या हो सकती है। इससे आंख की नीचे वाली पलक पर ज्यादा असर पड़ता है। इसे अपनी दिनचर्या को ठीक करके सही किया जा सकता है।
ब्लेफेरोस्पाज्म और हेमीफेशियल (Blepharospasm and Hemifacial) स्पाज्म दोनों ही बेहद गंभीर मेडिकल कंडीशन हैं, जो आनुवंशिक कारणों से भी जुड़ी हो सकती है। इस अवस्था में मरीज को डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। वहीं अगर देखा जाए, तो ब्लेफेरोस्पाज्म और भी ज्यादा गंभीर है, जिसमें व्यक्ति की आंखों पर कुछ सेकंड, मिनट या कुछ घंटों तक फर्क पड़ सकता है। इसमें ऐंठन इतनी ज्यादा तेज होती है कि किसी व्यक्ति की आंख तक बंद हो सकती है। इसमें लोग चाहकर भी आंख फड़कने की एक्टिविटी को रोक नहीं कर पाते हैं।
आंख फड़कने के कुछ और अलग कारण - Other different causes of eye twitching
स्ट्रेस (Stress) - जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा स्ट्रेस में होता है, तो आंख फड़कने जैसी समस्या हो सकती है इसलिए कभी भी आपकी आंख फड़क रही हो, तो सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि आप कहीं किसी स्ट्रेस से तो नहीं जूझ रहे हैं। अगर ऐसा है, तो पहले उस स्ट्रेस को दूर भगाएं।
नींद की कमी होना (Lack of sleep) - अगर किसी की नींद किसी कारणवश अधुरी रह जा रही है, तो इसके कारण भी आंखों का फड़कना हो सकता है। हर इंसान को करीब 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी होता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो ये समस्या उत्पन्न हो सकती है।
आंखों पर ज़ोर पड़ना (Eye strain) - आप बहुत ज्यादा टीवी, लैपटॉप, मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाएं, इसके चलते भी आंखों पर जोर पड़ सकता है। जिसके कारण आंख फड़कने जैसी समस्या हो सकती है। लेकिन तब क्या करें कि आपकी मजबूरी है इसको चलाना, तो इसके लिए आप स्क्रीन टाइम को थोड़ा कम करें या बीच-बीच में इन सब गैजेट से थोड़ा रेस्ट भी ले सकते हैं। इससे आपकी आंखों को आराम मिलेगा और आंखों के फड़कने जैसी समस्या भी नहीं होगी।
कैफीन (Caffeine) - जो लोग कॉफी या कुछ ऐसी चीजें जिसमें कैफीन बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है का सेवन करते हैं, तो ऐसे में आंखों का फड़कना शुरु हो सकता है। इससे निजात पाने के लिए कैफीन का सेवन थोड़े समय के लिए बंद कर देना चाहिए या आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो इसको पीना थोड़ा कम करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।