गोदन्ती भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है, जो अक्सर बुखार, मलेरिया, टाइफाइड बुखार, जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, जिंजीवाइटिस, सिरदर्द के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इसका सेवन व्यक्ति की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करता है।
गोदन्ती भस्म का फायदे -
गोदन्ती भस्म में अल्सर, बुखार, कास, सांस की समस्या, सिर दर्द, पुराना बुखार, सफेद पानी की समस्या, कैल्शियम की कमी, आदि में फायदेमंद होता है। गोदन्ती भस्म के सेवन से शरीर ठंड़ा रहता है, पित्त कम होता है जैसे गुण पाए जाते हैं। गोदन्ती भस्म का उपयोग बुखार उतारने के लिए, सिर दर्द और शरीर में पित्त की अधिकता से होने वाली बीमारियों में उपयोग किया जाता है।
मलेरिया - अगर किसी को मलेरिया रोग हुआ है तो इस बीमारी में भी गोदन्ती भस्म का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है।
सिरदर्द के उपचार में - अगर किसी को सिर दर्द रहता है तो ऐसे में 3 रत्ती गोदन्ती भस्म और 1 माशा मिश्री तथा 1 तोला गोघृत सब को मिलाकर दिन में तीन बार इस्तेमाल करने से रोगी को विशेष लाभ मिलता है। इसी प्रकार सूर्यावर्त, अर्धावभेदक(अधकपारी) में सूर्योदय से एक -एक घंटा पहले दो मात्रा गोदन्ती भस्म शहद के साथ देने से अवश्य लाभ मिलता है।
स्त्रियों के श्वेत प्रदर करने में - गोदंती भस्म 6 रत्ती तथा त्रिवंग भस्म 1 रत्ती मिला शर्बत बनप्सा या मधूकाद्य्वलेह के साथ देने से उत्तम लाभ होता है। रक्त प्रदर में पूर्व मिश्रण सहित देकर ऊपर से अशोकारिष्ट या पत्रांगासव पिलाने से बहुत शीघ्र लाभ मिलने लगता है।
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